IDBI के संभावित निवेशकों को सुरक्षा मंजूरी मिली, RBI की हरी झंडी भी जल्द मिलने की उम्मीद
punjabkesari.in Thursday, Jul 25, 2024 - 04:43 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में निवेश की इच्छा जताने वाले बोलीदाताओं को गृह मंत्रालय से आवश्यक सुरक्षा मंजूरी मिल गई है और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है, गुरुवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी है।
सरकार और सार्वजनिक क्षेत्र की बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (LIC) मिलकर आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में लगभग 61 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें केंद्र सरकार की 30.48 फीसदी और एलआईसी (LIC) की 30.24 फीसदी हिस्सेदारी शामिल है।
DIPAM को मिला EOI
जनवरी 2023 में निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने बताया था कि उसे IDBI बैंक में हिस्सेदारी खरीदने के लिए कई रुचि पत्र (EOI) प्राप्त हुए हैं।
मंजूरी की प्रक्रिया
बोलीदाताओं को दो प्रकार की मंजूरी प्राप्त करनी होगी- एक गृह मंत्रालय से सुरक्षा मंजूरी और दूसरी RBI से 'उपयुक्त और उचित' मानदंडों को पूरा करने की मंजूरी।
RBI की जांच
आरबीआई ने संभावित निवेशकों द्वारा प्रस्तुत विवरण की जांच में डेढ़ साल से अधिक समय लगाया है, जिसके कारण IDBI बैंक के निजीकरण की समयसीमा चूक गई है। अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा मंजूरी पहले ही मिल चुकी है और आरबीआई से भी जल्द मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
सरकार और LIC के पास IDBI Bank में हिस्सेदारी
आवश्यक मंजूरियों के बाद, निवेशकों को डेटा रूम तक पहुंच प्राप्त होगी और ड्यू डिलिजेंस प्रक्रिया शुरू की जाएगी। वर्तमान में, सरकार और एलआईसी (LIC) के पास आईडीबीआई बैंक (IDBI Bank) में कुल 94.72% हिस्सेदारी है, जो रणनीतिक बिक्री के बाद घटकर 34% रह जाएगी।
विनिवेश लक्ष्य
सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में विनिवेश और परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से 50,000 करोड़ रुपए जुटाने का बजटीय लक्ष्य रखा है। इस वित्तीय वर्ष में सरकार ने विनिवेश और परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से 50,000 करोड़ रुपए जुटाने का बजटीय लक्ष्य रखा है। इस प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरा होने से, सरकार को आवश्यक वित्तीय संसाधन प्राप्त होंगे जो कि विकास और बुनियादी ढांचे के परियोजनाओं में निवेश करने में सहायक होंगे।
आईडीबीआई बैंक का निजीकरण भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल बैंक के संचालन में सुधार होगा, बल्कि यह निवेशकों के लिए भी एक अच्छा अवसर साबित होगा। आईडीबीआई बैंक के निजीकरण से प्रतिस्पर्धा में वृद्धि होगी और बैंक की कार्यक्षमता में सुधार होगा, जिससे ग्राहकों को बेहतर सेवाएं मिलेंगी।