बैंकरों पर क्रिमिनल केस में IBA को लग रही साजिश

punjabkesari.in Friday, Jun 22, 2018 - 02:34 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय बैंक असोसिएशन (IBA) ने कई बैंकरों को अरेस्ट करने और उनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने की जांच एजेंसियों की कार्रवाई की निंदा की है। IBA ने शुक्रवार को मुंबई में इमर्जेंसी मीटिंग बुलाई है। इस मीटिंग में जांच एजेंसियों के कदमों पर चर्चा की जाएगी। आईबीए के सीईओ और एसबीआई के फॉर्मर ऑफिशल वी.जी. कन्नन ने कहा, 'लोन मंजूर करने के लिए बैंकरों पर क्रिमिनल केस करना बेतुकी बात है। हमने यह मामला दिल्ली में फाइनैंशल सर्विसेज डिपार्टमेंट और यहां महाराष्ट्र सरकार के सामने उठाया है। दोनों कह रहे हैं कि उन्हें नहीं पता कि ये गिरफ्तारियां क्यों की गईं। उन्होंने सहयोग का वादा किया है। हम शुक्रवार को मीटिंग में अपने कदम के बारे में चर्चा करेंगे।'

बुधवार को पुणे पुलिस की इकनॉमिक ऑफेंस विंग ने बैंक ऑफ महाराष्ट्र के सीईओ रवींद्र मराठे, फॉर्मर एमडी सुशील मनोत, एग्जिक्युटिव डायरेक्टर राजेंद्र गुप्ता और दो अन्य बैंक अधिकारियों को अरेस्ट किया था। ये गिरफ्तारियां रियल एस्टेट डिवेलपर डीएस कुलकर्णी से सांठगांठ कर पैसा डायवर्ट करने और शेयरहोल्डर्स को धोखा देने के आरोप में की गईं। 

मराठे और मनोत पर ऐक्शन से पहले जांच एजेंसियों ने कई अन्य बैंकरों पर भी ऐक्शन लिया था। पिछले साल जनवरी में आईडीबीआई के फॉर्मर चेयरमैन योगेश अग्रवाल और चार अन्य एग्जिक्युटिव्स को विजय माल्या के लोन डिफॉल्ट से जुड़े मामले में अरेस्ट किया गया था। केनरा बैंक के फॉर्मर चेयरमैन आर.के दुबे, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की फॉर्मर चेयरमैन अर्चना भार्गव, पंजाब नैशनल बैंक की फॉर्मर सीईओ उषा अनंतसुब्रमण्यन और आईडीबीआई के फॉर्मर एग्जिक्युटिव्स किशोर खराट, मेल्विन रेगो और एम एस राघवन भी आरोपों का सामना कर रहे हैं। 

पब्लिक सेक्टर के बैंकर सरकार से इस बात से नाराज हैं कि वह जांच एजेंसियों को पब्लिक सेक्टर के बैंकरों से अपमानजनक बर्ताव करने की छूट दे रही है। एक सरकारी बैंक के सीनियर अधिकारी ने कहा, 'यह तो पब्लिक सेक्टर के बैंकरों की छवि खराब करने और इस तरह प्राइवेट सेक्टर के बैंकों को प्रमोट करने की साजिश लग रही है। हमने हमेशा देखा है कि रेग्युलेटर प्राइवेट सेक्टर के बैंकों से नरमी बरतते हैं और पब्लिक सेक्टर के बैंकों पर ताकत दिखाने लगते हैं। बात इतनी बढ़ गई है कि जांच एजेंसियां भी हमें हल्के में लेने लगी हैं।' 


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jyoti choudhary

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