5G ट्रायल में शामिल नहीं हो पाएंगी हुवावे और ZTE, सरकार जल्द लेगी बड़ा ऐलान

punjabkesari.in Friday, Aug 14, 2020 - 06:00 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः सीमा विवाद के बाद भारत चीनी कंपनियों पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है। सरकार ने हुवावे और जेडटीई को 5जी ट्रायल से दूर करने की तैयारी कर ली है। सरकार जल्द ही दोनों कंपनियों पर बैन की घोषणा कर सकती है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर 23 जुलाई को विदेशी निवेश से जुड़े नियम बदल दिए थे। नए नियमों के मुताबिक, जिन देशों के साथ भारत की सीमा जमीन के जरिए साझा होती है, उन देशों को निवेश से पहले जरूरी मंजूरी लेनी होगी। इस मामले से वाकिफ सूत्रों के मुताबिक, अब साउथ एशिया के देशों को नए नियमों के भारत में निवेश से पहले जरूरी मंजूरी लेनी होगी। 

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सूत्रों के मुताबिक, दूरसंचार मंत्रालय 5जी ट्रायल के लिए प्राइवेट कंपनियों के पेंडिंग आवेदनों को मंजूरी के लिए जल्द ही प्रक्रिया शुरू करेगा। भारती एयरटेल, रिलायंस जियो इन्फोकॉम और वोडाफोन-आइडिया ने 5जी ट्रायल के लिए आवेदन किया है लेकिन देशव्यापी लॉकडाउन के कारण इसमें देरी हो रही है।

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अगले साल के लिए टल सकती है 5जी की नीलामी
अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने चीन सरकार से जुड़ी चीनी कंपनियों के लिए 5जी ट्रायल के दरवाजे बंद कर दिए हैं। भारत भी इसी दिशा में कदम उठाने जा रहा है। फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन ने हुवावे और जेडटीई को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा घोषित कर दिया है। एक अधिकारी के मुताबिक, 5जी नीलामी की प्रक्रिया अगले साल के लिए टल सकती है। सूत्रों का कहना है कि इन दोनों चीनी कंपनियों पर बैन की घोषणा प्रधानमंत्री कार्यालय से मंजूरी के बाद 1 या दो सप्ताह में हो सकती है।

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हुवावे के लिए चुनौती बन सकती है रिलायंस
दुनिया के दूसरे सबसे बड़ा वायरलेस बाजार भारत में घरेलू कंपनी रिलायंस हुवावे के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। इसका कारण यह है कि मुकेश अंबानी 15 जुलाई को कंपनी की एजीएम में घोषणा कर चुके हैं कि जियो इन्फोकॉम 5जी नेटवर्क रोलआउट के लिए तैयार है। मुकेश अंबानी ने कहा था कि जियो ने 5जी की पूरी तकनीक इन-हाउस डवलप की है। रिलायंस समूह का कहना है कि उन्हें नए सिस्टम में स्विच करने के लिए विरोधियों की तरह ज्यादा राशि खर्च नहीं करनी पड़ेगी।

भारत ने टिकटॉक समेत चीन के 106 ऐप पर बैन लगाया
लद्दाख की गलवान घाटी में सीमा विवाद के बाद भारत सरकार ने चीन की कंपनियों के 59 ऐप पर बैन लगा दिया था। इसमें टिकटॉक, वीचैट, अलीबाबा ग्रुप का यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज जैसे पॉपुलर ऐप शामिल थे। इसके बाद सरकार ने पिछले महीने जुलाई में भी चीन के 47 ऐप पर बैन लगाया था। इसमें अधिकांश पहले बैन किए गए ऐप के क्लोन थे। इस प्रकार भारत सरकार अब तक चीन के 106 ऐप पर बैन लगा चुकी है। टिकटॉक के भारतीय कारोबार की वैल्यू 3 बिलियन डॉलर के करीब आंकी गई है।


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jyoti choudhary

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