सरकार को बड़ी कामयाबी, विदेशी बैंक खातों में मिला 13,000 करोड़ का काला धन

punjabkesari.in Monday, Jun 27, 2016 - 12:39 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा विदेशी बैंकों में अघोषित आय छिपा कर रखने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई के परिणाम नजर आने लगे हैं। इसी सिलसिले में इनकम टैक्स अथॉरिटीज ने अब तक 13,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के काले धन का पता लगा लिया, वह भी महज 2 चरणों (साल 2011 और 2013) में मिली सूचनाओं के आधर पर।

 

जिनिवा के एच.एस.बी.सी. बैंक में कम-से-कम 400 भारतीयों के डिपॉजिट्स के मामलों में इनकम टैक्स अथॉरिटीज ने 8,186 करोड़ रुपए की अघोषित आय का खुलासा किया जो विदेशी खातों के बारे में अबतक का सबसे बड़ा खुलासा है। एक इनकम टैक्स असेसमेंट रिपोर्ट के मुताबिक, 31 मार्च 2016 तक ऐसे खाताधारकों से 5,377 करोड़ रुपए टैक्स की मांग की जा चुकी है। 

 

गौरतलब है कि एच.एस.बी.सी. जिनिवा बैंक में भारतीयों के खातों की जानकारी साल 2011 में फ्रांस की सरकार ने दी थी। वहीं, साल 2013 में इंटरनैशनल कंसॉर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) की वैबसाइट से मिली जानकारी के आधार पर इनकम टैक्स अधिकारियों ने 700 भारतीयों के विदेशी खातों में 5,000 करोड़ रुपए की आघोषित आय का पता लगा लिया। ICIJ की वैबसाइट से पकड़ में आए काला धन को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने क्रिमिनल कोर्ट्स में अब तक 55 प्रॉसिक्युशन कंप्लेंट्स दायर कर चुका है। इन सब मामलों में जान-बूझकर टैक्स नहीं भरने का आरोप लगाया गया है। वेरिफिकेशन प्रोसेस के दौरान ऐसे लोगों द्वारा झूठा बयान दिए जाने को मुकदमे का आधार बनाया गया है।

 

एच.एस.बी.सी. जिनिवा के 75 केस में टैक्स अथॉरिटीज ने प्रॉसिक्युशन प्रोसिडिंग्स शुरू कर दी है। क्रिमिनल कोर्ट्स ने ज्यादातर प्रॉसिक्युशन कंप्लेंट केसेज में संज्ञान लिया है जिससे एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) के लिए प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग ऐक्ट (PMLA) के तहत कठोर कार्रवाई शुरू करने का रास्ता साफ हो जाएगा। अभी-अभी संशोधित ब्लैक मनी अनडिस्क्लोज्ड फॉरन इनकम ऐंड ऐसेट्स ऐक्ट जान-बूझकर की गई टैक्स से बचने की कोशिशों को पीएमएलए के तहत अपराध घोषित करने की अनुमति देता है। इससे ईडी को यह अधिकार मिल जाता है कि वह आरोपी के विदेश में अघोषित संपत्ति के मूल्य के बराबर की देसी संपत्ति जब्त कर सके।

 

इनकम टैक्स रिपोर्ट कहती है कि ICIJ मामलों में जिन भारतीयों के नाम सामने आए हैं उनमें कई ने ब्लैक मनी डिक्लेरेशन विंडो के तहत संपत्ति के खुलासे किए। सरकार ने पिछले साल सीमित समय के लिए अघोषित संपत्ति की घोषणा करने का मौका दिया था। हालांकि, जिन लोगों के खिलाफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पहले ही जांच शुरू कर दी, वह राहत पाने के योग्य नहीं हैं।


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