GST: कॉटन कारोबारी की बढ़ी मुुश्किले, एक्सपोर्टर्स पर पड़ रहा सीधा असर

punjabkesari.in Saturday, Nov 18, 2017 - 05:05 PM (IST)

नई दिल्लीः एक तरफ जहां जी.एस.टी. काउंसिल ने कारोबारियों को कुछ राहत दी है तो कुछ उद्योगों की मुश्किलें भी बढाई हैं। देश में कॉटन के खरीदार जिनर्स की मुसीबतें रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म की वजह से बढ़ गई हैं। इसकी वजह से उन्होंने किसानों से कॉटन खरीदना कम कर दिया है जिसका सीधा असर एक्सपोर्टर्स पर भी पड़ा है। देश का सबसे बड़ा कॉटन उत्पादक राज्य है गुजरात और गुजरात में इन दिनों बाजार में कॉटन की आवक शुरू हो गई है लेकिन पिछले 2-3 दिन से कॉटन की खरीदारी करने वाले जिनर्स ने अपनी खरीदारी काफी कम कर दी है।

वजह है 15 नवंबर से लागू हुआ नया रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म। पहले जिनर्स किसानों से जो कॉटन खरीदते थे उसके ऊपर कोई टैक्स नहीं था, लेकिन अब नए नियमों के मुताबिक जिनर्स किसानों से खरीदे हए कॉटन में से जो भी कॉटन एक्सपोर्ट करेंगे या एक्सपोर्टर्स को बेचेंगे उस पर उन्हें 5 फीसदी जीएसटी देना होगा लेकिन एक्सपोर्टस को केवल 0.1 फीसदी ही देना होता है।
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इधर जिनर्स ने किसानों से कॉटन की खरीदारी में 30 फीसदी तक कमी कर दी है और एक्सपोर्टर्स को भी सामान नहीं बेच रहे, क्योंकि एक्सपोर्टर्स को 0.1 फीसदी ही जीएसटी देना है और अगर वो 5 फीसदी जीएसटी जिनर्स को देंगे तो उनको लगता है कि उनकी पूंजी ब्लॉक हो जाएगी। देशभर में करीब 5 हजार जिनिंग मिल्स हैं जिसमें से 1200 गुजरात में हैं। एक तरफ इस वर्ष देश में कॉटन का बम्पर उत्पादन होने का अनुमान है वहीं कॉटन की खरीदारी कम हो गयी है। अब जिनर्स और एक्सपोर्टर्स के एशोसिएशन ने मिलकर गुजरात सरकार के जरिये इस बात को जीएसटी काउन्सिल के कानों तक पहुचाया है और उन्हें उम्मीद है की जल्द ही उन्हें जीएसटी काउन्सिल से राहत मिल जाएगी।


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