मनरेगा मजदूरी के आधार पर फिर से काम करेगी सरकार

punjabkesari.in Sunday, May 07, 2017 - 05:13 PM (IST)

नई दिल्लीः कुछ राज्यों में राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) की दैनिक मजदूरी में मामूली बढ़ौतरी के बीच केंद्र इस योजना के तहत दी जाने वाली मजदूरी के आधार पर फिर से काम करेगी। 

केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार मनरेगा के तहत असम, बिहार, झारखंड, उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश में दैनिक मजूदरी में केवल एक रुपए जबकि आेडिशा में 2 व बंगाल में 4 रुपए की बढ़ौतरी हुई है। मनरेगा की मजदूरी में इस साल 2.7 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई है जबकि पिछले वित्त वर्ष में इसमें 5.7 प्रतिशत की बढ़ौतरी हुई थी। संशोधित मजदूरी एक अप्रैल से प्रभावी हो गई।  

सूत्रों के अनुसार केंद्र द्वारा अधिसूचित मनरेगा मजदूरी तथा कुछ राज्यों में न्यूनतम वेतन में भारी अंतर है। इन राज्यों में मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी राज्यों के न्यूनतम वेतन से भी कहीं कम है। इस अंतर को पाटने के लिए केंद्र मनरेगा के तहत मजदूरी के लिए आधार में बदलाव के लिए फिर से काम करने की सोच रहा है। इस उद्देश्य के लिए ग्रामीण विकास मंत्रालय में अतिरक्ति सचिव नागेश सिंह की अध्यक्षता में समिति गठित की गई है। फिलहाल मनरेगा के तहत मजदूरी का भुगतान कृषि श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आधार पर किया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेषज्ञ समिति का मानना है कि मनरेगा श्रेणीकरण के लिए आधार राज्य द्वारा अकुशल कृषि श्रमिकों के लिए तय मौजूदा न्यूनतम वेतन होना चाहिए। 


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