राहुल के तंज पर सरकार का जवाब, RBI से 3.6 लाख करोड़ की मांग की खबर गलत
punjabkesari.in Saturday, Nov 10, 2018 - 12:46 AM (IST)
नई दिल्लीः सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से 3.6 लाख करोड़ रुपए की पूंजी की कोई मांग नहीं कर रही है, बल्कि केवल आरबीआई की आर्थिक पूंजी ढांचा (इकनॉमिक कैपिटल फ्रेमवर्क) तय करने के बारे में चर्चा कर रही है। ध्यान रहे कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 5 नवंबर को ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक नीतियों पर तंज कसा था। राहुल ने अपने ट्वीट में एक अखबार की खबर को शेयर करते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री को अपने विलक्षण आर्थिक ज्ञान के कारण फैली अव्यवस्था को ठीक करने के लिए अब रिजर्व बैंक से 3.60 लाख करोड़ रुपए की बड़ी राशि की जरूरत पड़ गई है।
अब वित्त मंत्रालय में आर्थिक विभाग के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने ट्वीट में कहा, "मीडिया में गलत जानकारी वाली तमाम अटकलबाजियां जारी हैं। सरकार का राजकोषीय हिसाब-किताब बिल्कुल सही चल रहा है। अटकलबाजियों के विपरीत सरकार का आरबीआई से 3.6 या एक लाख करोड़ रुपए मांगने का कोई प्रस्ताव नहीं है।"
Lot of misinformed speculation is going around in media. Government’s fiscal math is completely on track. There is no proposal to ask RBI to transfer 3.6 or 1 lakh crore, as speculated. (continued...).
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) November 9, 2018
गर्ग ने कहा कि इस समय केवल एक प्रस्ताव पर ही चर्चा चल रही है और वह है रिजर्व बैंक की आर्थिक पूंजी की व्यवस्था तय करने की चर्चा। आर्थिक मामलों के सचिव ने विश्वास जताया कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे (रेवेन्यू डेफिसिट) को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.3 प्रतिशत तक सीमित रखने के बजट में तय लक्ष्य के भीतर बनाए रखने में कामयाब होगी।
Government’s FD in FY 2013-14 was 5.1%. From 2014-15 onwards, Government has succeeded in bringing it down substantially. We will end the FY 2018-19 with FD of 3.3%. Government has actually foregone 70000 crore of budgeted market borrowing this year. ( continued .....)
— Subhash Chandra Garg (@SecretaryDEA) November 9, 2018
गर्ग ने कहा कि सरकार का राजकोषीय हिसाब-किताब ठीक चल रहा है। उन्होंने कहा, "वर्ष 2013-14 में सरकार का वित्तीय घाटा (फिस्कल डेफिसिट) जीडीपी के 5.1 प्रतिशत के बराबर था। उसके बाद से सरकार इसमें लगातार कमी करती आ रही है। हम वित्त वर्ष 2018-19 के अंत में वित्तीय घाटे को 3.3 तक सीमित कर देंगे।" उन्होंने राजकोषीय लक्ष्यों को लेकर अटकलों को खारिज करते हुए कहा, "सरकार ने दरअसल बजट में इस साल बाजार से कर्ज जुटाने का जो अनुमान रखा था, उसमें 70000 करोड़ रुपए की कमी स्वयं ही कम कर दी है।"