कारखानों में भट्टियों की निरीक्षण प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए उपाय कर रही सरकार: DPIIT

punjabkesari.in Thursday, Dec 26, 2019 - 04:59 PM (IST)

नई दिल्लीः वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसने कारोबार सुगमता को और बेहतर बनाने के लिए कारखानों में भट्टियों की निरीक्षण प्रक्रिया को सरल बनाने के वास्ते 11 जांच प्राधिकरणों को मान्यता देने जैसे कदम उठाए हैं। मंत्रालय के तहत आने वाले उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने इस मामले में 11 निरीक्षण प्राधिकरणों को मान्यता प्रदान की है।

विभाग ने इस काम के लिए स्व: प्रमाणन अथवा किसी तीसरे पक्ष से भट्टियों (बायलर्स) का निरीक्षण कराना या फिर राज्य सरकारों के साथ इन भट्टियों का प्रमाणन कराने की भी अनुमति दी है। मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा है, ‘‘इस कदम से छोटी और बड़ी औद्योगिकी इकाइयों को फायदा होगा। बिजली संयंत्रों से लेकर, रसायन संयंत्रों, रिफाइनरी, कागज संयंत्र, इस्पात संयंत्र, चीनी मिलों और अन्य प्रसंस्करण उद्योगों को इससे फायदा मिलेगा।'' ताप विद्युत, इस्पात कारखानों और विभिन्न प्रकार की रिफाइनरियों में विशाल भट्टियां लगाई जाती हैं। इन भट्टियों की गुणवत्ता और सुरक्षा के लिहाज से निरीक्षण आवश्यक होता है।

मंत्रालय के वक्तव्य में कहा गया है कि केन्द्रीय बायलर्स बोर्ड (सीबीबी) ने देशभर में 11 तीसरे पक्ष के जांच प्राधिकरणों को मान्यता दी है। ये प्राधिकरण डीपीआईआईटी के निरीक्षण के तहत काम करते हैं। वक्तव्य में यह भी कहा गया है कि बॉयलर्स एक्ट के तहत स्वतंत्र रूप से सक्षम व्यक्तियों को भी व्यक्तिगत स्तर पर काम करने की अनुमति दी गई है। ये लोग भी सेवा में रहते हुए भट्टियों का निरीक्षण कर सकते हैं। डीपीआईआईटी बायलर्स एक्ट 1923 के क्रियान्वयन के लिए जिम्मेदार है। यह कानून इस प्रकार की बड़ी भट्टियों के संचालन में सुरक्षा और कर्मचारियों की हिफाजत पर ध्यान देता है। कानून के जरिए ऐसी भट्टियों में एकरूपता लाने और परिचालन के दौरान उनके निरीक्षण और रखरखाव पर नजर रखी जाती है।


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Supreet Kaur

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