बजट से उम्मीदें:  इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों की मांग बढ़ाने वाले उपायों पर जोर दे सरकार

punjabkesari.in Saturday, Jan 18, 2020 - 02:56 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुयें जैसे टेलीविजन, फ्रिज, वाशिंग मशीन और एयरकंडिशनर आदि की मांग में तेजी लाकर विनिर्माण के माध्यम से देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) को तीव्र वृद्धि के मार्ग पर ले जाने के लिए शोध और विकास को बढ़ावा देते हुये स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहित करने के उपाय करने की अपील की गयी है। टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुयें बनाने वाली कंपनियों के शीर्ष संगठन कंज्यूमर इलेक्ट्रानिक्स एंड अप्लायंसेस मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (सीईएएमए) ने आम बजट के मद्देनजर सरकार से ये अपील की है। 

 

संगठन ने कहा कि सरकार को आरएंडडी व्यय पर छूट को बढ़ाकर 200 प्रतिशत तक करनी चाहिए। घरेलू विनिर्माण और मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए सरकार को एक ऐसी स्कीम लॉन्च करनी चाहिए, जहां स्थानीय रूप से निर्मित सामान को आयातित वस्तुओं की तुलना में वरीयता दी जानी चाहिए। सीईएएमए के अध्यक्ष कमल नंदी ने इस संबंध में कहा कि भारत की नीतियां और देश का आर्थिक माहौल बड़े बदलावों के दौर से गुजर रहा है। कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स और अप्लायंस उद्योग भी अलग-अलग मार्चों पर चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश में पारंपरिक रूप से टिकाऊ वस्तुओं की पहुंच का स्तर कम रहा है। 

 

वर्तमान में देश में 33 प्रतिशत घरो तक रेफ्रिजरेटर की पहुंच है जबकि वाशिंग मशीन सिर्फ 12 प्रतिशत के पास है। एयर कंडीशनर मात्र 5 प्रतिशत लोगों के पास है। भारत में 65 फीसदी लोगों के पास टेलीविजन है जबकि चीन में यह 95 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि कम पहुंच का अर्थ है कि इस क्षेत्र में मांग की व्यापक संभावना है और इनकी मांग बढ़ाने के उपाय किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में इस उद्योग की वृद्धि लगभग सपाट रही है। 

 

सीमा शुल्क में वृद्धि, कमजोर वैश्विक आर्थिक परिद्दश्य और मुद्रा एवं कमोडिटी में उतार-चढ़ाव के साथ बना हुआ है। इसके मद्देनजर अगले साल के लिए मांग के स्तर का अनुमान लगाना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि अब तक नियामक परिवर्तन भी हुए हैं। जीएसटी के साथ ही एसी, क्यूसीओ से संबंधित एनर्जी गाइडलाइन, प्लास्टिक पर प्रतिबंध और अन्य पर्यावरण नियमभी आये हैं जिससे अंतत: देश को लाभ होगा लेकिन यह भी नहीं भूलना चाहिए कि इस तरह के नियमों का निवेश, कार्य संचालन और कभी-कभी कीमतों पर भी प्रभाव पड़ता है। 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

vasudha

Recommended News

Related News