सर्राफा कारोबारियों के लिए जरूरी खबर, सोने के सिक्के और बार को लेकर सरकार का बड़ा फैसला
punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2024 - 05:11 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः जल्द ही ज्वैलर्स बिना हॉलमार्किंग के सोने के सिक्के और बार नहीं बेच सकेंगे। उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने जानकारी दी कि सरकार सोने के सिक्कों और छड़ों पर हॉलमार्किंग को अनिवार्य करने की योजना बना रही है। साथ ही प्रयोगशाला में तैयार किए गए हीरों के लिए भी नियम बनाए जा रहे हैं।
खरे ने 'सीआईआई रत्न और आभूषण सम्मेलन' में कहा, "उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध कराना जरूरी है। रत्न और आभूषण सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम है और यह निर्यात व रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान देता है।"
40 करोड़ आभूषण हॉलमार्क किए गए
सचिव ने 23 जून 2021 से लागू सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के सफल कार्यान्वयन का जिक्र करते हुए कहा कि अब तक 40 करोड़ से अधिक आभूषणों को एचयूआईडी (हॉलमार्क यूनिक आइडेंटिफिकेशन) के तहत हॉलमार्क किया गया है। उन्होंने कहा कि सोने के सिक्कों और बार पर हॉलमार्किंग से गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी।
वैल्यू चेन में बढ़ेगा भरोसा
निधि खरे ने कहा, "सोने की शुद्धता और ईमानदारी सुनिश्चित करने के लिए पूरी वैल्यू चेन को प्रमाणित करना आवश्यक है। कई बार ज्वैलर्स खुद आयातित सोने की गुणवत्ता के बारे में अनिश्चित होते हैं। हॉलमार्किंग से यह समस्या खत्म होगी।"
2030 तक $134 अरब का बाजार
उन्होंने बताया कि रत्न और आभूषण सेक्टर का बाजार 2030 तक $134 अरब तक पहुंचने का अनुमान है, जो 2023 में करीब $44 अरब था। भारत इस समय दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्वर्ण निर्यातक है, जो कुल निर्यात का 3.5% हिस्सा है।
हीरों के लिए भी बनेगी गाइडलाइन
सचिव ने कहा कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए प्रयोगशाला में तैयार किए गए हीरों के लिए भी नियम तैयार किए जा रहे हैं। इन हीरों की मांग तेजी से बढ़ रही है। रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के कार्यकारी निदेशक सब्यसाची रे ने कहा कि कच्चे माल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हॉलमार्किंग अनिवार्य करना जरूरी है।