चीनी कंपनियों पर लगाम कसने की तैयारी में भारत सरकार, हर साल हो सकता है 2 लाख करोड़ का नुकसान

punjabkesari.in Wednesday, Jun 24, 2020 - 03:40 PM (IST)

नई दिल्लीः चीन के सामान को लेकर देशभर में विरोध चल रहा है। ऐसे में चीन के लिए भारत में व्यापार करना आसाना नहीं रहेगा। सरकार भी भारत में बने उत्पादों पर ध्यान केंद्रित कर रही है। सरकार चीनी कंपनियों पर लगाम कसने के लिए कुछ टैरिफ लगाने की तैयारी में है। ऐसे में चीन को बड़ा घाटा हो सकता है। 

हर साल हो सकता है दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान
हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारत ने चीन से पिछले एक साल में यानी वर्ष 2019 में 1.4 लाख करोड़ रुपए का इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदा था। इस संदर्भ में भारत सरकार जल्द ही कड़े कदम उठा सकती है। ऐसे में चीन को हर साल दो लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो सकता है। 

मालूम हो कि जो कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चीन की सरकार से जुड़ी हैं, उन पर भी तमाम प्रतिबंध लगाने की योजना है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये कंपनियां राष्ट्रीय सुरक्षा में बाधा हो सकती हैं। श्याओमी, वीवो और ओपो जैसी निजी स्मार्टफोन कंपनियों पर अभी यह खतरा मंडराता नहीं दिख रहा है।

चीन के लिए भारत बड़ा बाजार
चीन के कारण माइक्रोमैक्स, लावा, इंटेक्स और कार्बन जैसी दिग्गज कंपनियों के उत्पादों को काफी नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं, दक्षिण कोरिया की सैमसंग और एलजी के अतिरिक्त जापान की सोनी को भी नुकसान उठाना पड़ा है। चीन के लिए भारत बड़ा बाजार है। इसलिए भारतीय सरकार द्वारा चीनी कंपनियों के लिए कड़े कदम उठाने से उसे भारी नुकसान होगा।

कम हो रही है भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी
साल 2018 में स्मार्टफोन के बाजार में भारतीय कंपनियों की हिस्सेदारी करीब 9 फीसदी थी। साल 2019 में यह घटकर 1.6 फीसदी रह गई और अब 2020 की पहली तिमाही में ये कम होकर एक फीसदी के करीब आ गई है। 

इतनी है स्मार्ट टीवी बाजार में हिस्सेदारी
स्मार्ट टीवी की बात करें, तो इस मामले में तस्वीर थोड़ी अलग है। साल 2018 में भारत के पास करीब छह फीसदी स्मार्ट टीवी बाजार की हिस्सेदारी थी। इसके अगले साल 2019 में यह बढ़कर नौ फीसदी हो गई और अभी 2020 की पहली तिमाही में इसमें मामूली गिरावट आई है और यह 8.5 फीसदी के करीब पहुंच गई है।


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jyoti choudhary

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