Rice export: चावल एक्सपोर्ट पर लगा बैन हटा सकती है सरकार, किसानों को मिलेगा बेहतर दाम

punjabkesari.in Tuesday, Aug 06, 2024 - 05:46 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश में धान की कम पैदावार और खाद्यान्न की कीमतों को कंट्रोल में रखने के उद्देश्य से भारत सरकार ने पिछले साल गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। इस प्रतिबंध का प्रभाव दुबई, कुवैत और अन्य खाड़ी देशों से लेकर अमेरिका तक महसूस किया गया था। हालांकि, अब सरकार जल्द ही इस प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है, जिससे आने वाले दिनों में धान किसानों को उनकी फसल का बेहतर मूल्य मिल सकता है।

दरअसल इस साल भारत में पर्याप्त मात्रा में बारिश हुई है, जिससे धान की अच्छी पैदावार की उम्मीद है। दूसरी ओर, सरकार के पास चावल का बफर स्टॉक भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है, जिससे देश में चावल की कमी की चिंताएं दूर हो गई हैं। ऐसे में, सरकार द्वारा निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटाना स्वाभाविक है।

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नीति आयोग से मिले संकेत

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद का कहना है कि बफर स्टॉक की अच्छी स्थिति है। वहीं पर्याप्त बारिश होने से धान की फसल बेहतर रहने की उम्मीद है। ऐसे में सरकार इस साल गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर लगे बैन को हटा सकती है।

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि चावल की आपूर्ति को लेकर चिंता करने की जरूरत है। वर्तमान में स्थिति काफी संतोषजनक है। अगर सरकार इस समय चावल के निर्यात पर लगा प्रतिबंध हटा भी लेती है, तो भी बड़ी मात्रा में चावल देश से बाहर नहीं जाएगा। इससे न केवल घरेलू बल्कि विदेशी बाजार में भी चावल की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में मदद मिलेगी।"

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बैन के साथ लगता है एक्स्ट्रा टैक्स

मौजूदा समय में देश के अंदर जहां गैर-बासमती चावल के एक्सपोर्ट पर बैन लगा हुआ है। वहीं उसना (पारबॉयल्ड राइस) के निर्यात पर सरकार ने 20 प्रतिशत का शुल्क लगाया हुआ है। इस साल खरीफ की बुवाई 14 प्रतिशत बढ़ी है। इस साल देशभर में 27.7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान की बुवाई हुई है। इससे फसल पैदावार बढ़िया रहने की उम्मीद है। अगर सरकार चावल के एक्सपोर्ट से बैन हटाती है, तो एक्सपोर्टर्स की डिमांड बढ़ने से किसानों को फसल का बेहतर दाम मिलने की उम्मीद है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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