चीन के बाज़ार में ''गूगल का सीक्रेट मिशन''

punjabkesari.in Friday, Aug 03, 2018 - 01:03 PM (IST)

नई दिल्लीः गूगल चीन में फिर से एंट्री कर सकता है। न्यूज वेबसाइट 'द इंटरसेप्ट' के मुताबिक गूगल ऐसा सर्च इंजन लाने की तैयारी कर रहा है जो पहले से ही सेंसर्ड होगा। गूगल स्टाफ को बुधवार को यह चौंकाने वाली खबर मिली। उन्हें पता चला कि कंपनी चीन के सेंसरशिप कानूनों के अनुरूप एक सर्च ऐप पर काम कर रही है। खास बात यह है कि इस प्रॉजेक्ट को सीक्रेट रखा गया है। इसके बारे में टीम के सदस्यों और कुछ लीडर्स को ही जानकारी है, ऐसे में आंतरिक बहस भी शुरू हो गई है। हालांकि गूगलर्स के लिए यह खबर बिल्कुल भी चौंकाने वाली नहीं है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। 

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आठ साल पहले गूगल पर लगी थी रोक
2015 से ही मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई ने सर्च इंजन की चीन में वापस मौजूदगी दर्ज कराने की अपनी इच्छा को गुप्त नहीं रखा। गूगल के संस्थापकों की तुलना में पिचाई दुनिया के सबसे बड़े इंटरनेट मार्केट को लेकर व्यावहारिक दृष्टिकोण रखते हैं। गौरतलब है कि सेंसरशिप को लेकर बढ़ी चिंताओं के कारण 2010 में गूगल चीन से बाहर हो गया था। 

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पिचाई के समय में गूगल ने कई चीनी कंपनियों में निवेश किया। उन्होंने कई लीडर्स से मुलाकातें की और गूगल की आर्टिफिशल इंटेलिजेंस टेक्नॉलजी को देश के कोने-कोने में पहुंचाने को प्राथमिकता दी। हालांकि सर्च को वापस चीन पहुंचाना पिचाई का सबसे बड़ा साहसिक कदम माना जाएगा। सह-संस्थापकों लैरी पेज और सर्जेई ब्रिन ने गूगल को दुनियाभर की सूचनाओं को व्यवस्थित करने और उसे दुनियाभर में उपलब्ध कराने के लिए बनाया था। उन्होंने चीन को कंपनी के खतरे के तौर पर देखा। हालांकि पिचाई चीन को टैलंट और मार्केट के लिहाज से अहम मानते हैं। 

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चीन के लिए गूगल का प्रोजेक्ट ड्रैगनफ्लाई 
गूगल 2017 से चीन में नए सर्च इंजन के लिए काम कर रहा है। इस प्रोजेक्ट का कोडनेम ड्रैगनफ्लाई है। दिसंबर में गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई और चीन के एक वरिष्ठ अधिकारी की मीटिंग के बाद इस प्रोजेक्ट ने रफ्तार पकड़ी। गूगल के नए सर्च इंजन पर ह्यूमन राइट्स, डेमोक्रेसी, धर्म और शांतिपूर्ण प्रदर्शन जैसे शब्द ब्लैकलिस्ट कैटेगरी में रहेंगे। चीन की सरकार को इसका डेमो भी दिया जा चुका है और छह से नौ महीने में इसका फाइनल वर्जन लॉन्च करने के आसार हैं।

रॉयटर्स के मुताबिक गूगल ने इस मामले में प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया। लेकिन इतना जरूर कहा कि वह चीन में कई मोबाइल एेप लॉन्च कर चुका है। चीन के बाजार में बने रहने के लिए वह स्थानीय डेवलपर्स के साथ मिलकर काम कर रहा है। चीन के इंटरनेट रेग्युलेटर साइबरस्पेस ने भी इस मामले में कोई जवाब नहीं दिया।


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jyoti choudhary

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