भारत की मजबूती पर ग्लोबल भरोसा, 5 महीनों में तीसरी बार रेटिंग अपग्रेड, अमेरिका को मिला करारा जवाब
punjabkesari.in Saturday, Sep 20, 2025 - 11:21 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः अमेरिका की ओर से हाई टैरिफ जैसी चुनौतियों के बीच भारत को जापान से राहतभरी खबर मिली है। जापानी रेटिंग एजेंसी रेटिंग एंड इन्वेस्टमेंट इन्फॉर्मेशन इंक (R&I) ने भारत की दीर्घकालिक सरकारी साख रेटिंग को ‘BBB’ से बढ़ाकर ‘BBB+’ कर दिया है और ‘स्थिर’ परिदृश्य बरकरार रखा है।
यह इस साल तीसरी बार है जब किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी ने भारत की रेटिंग अपग्रेड की है। इससे पहले अगस्त 2025 में S&P और मई 2025 में मॉर्निंगस्टार DBRS ने भी भारत की रेटिंग बढ़ाई थी।
क्यों बढ़ी रेटिंग?
R&I की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की रेटिंग में सुधार उसकी मजबूत आर्थिक स्थिति, जनसांख्यिकीय लाभांश, घरेलू मांग में लगातार बढ़ोतरी और ठोस सरकारी नीतियों का नतीजा है। एजेंसी ने यह भी बताया कि कर राजस्व में बढ़ोतरी, सब्सिडी को तर्कसंगत बनाने और ऋण स्तरों को नियंत्रित करने में सरकार की प्रगति ने भारत की स्थिति को और मजबूत किया है। इसके साथ ही भारत की बाहरी स्थिरता पर जोर देते हुए रिपोर्ट में मामूली चालू खाता घाटा, सेवाओं और धन प्रेषण में अधिशेष, कम विदेशी कर्ज और पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार को भारत की बड़ी ताकत बताया गया है।
सरकार ने R&I के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि पांच महीनों में तीन एजेंसियों द्वारा रेटिंग अपग्रेड किया जाना इस बात का प्रमाण है कि वैश्विक स्तर पर भारत के मजबूत आर्थिक आधार और विवेकपूर्ण वित्तीय प्रबंधन को मान्यता मिल रही है।
निवेशकों को फायदा
- विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा
- शेयर व बॉन्ड मार्केट में पूंजी का प्रवाह तेज होगा
- सरकार और कंपनियों को अंतरराष्ट्रीय कर्ज सस्ता मिलेगा
- इंफ्रास्ट्रक्चर और बिजनेस प्रोजेक्ट्स को फंडिंग में आसानी
आम लोगों के लिए फायदे
आम लोगों के लिए भी इसका फायदा दिखाई देगा। विदेशी निवेश बढ़ने से नए प्रोजेक्ट और बिजनेस शुरू होंगे, जिससे रोजगार के अवसर पैदा होंगे। रुपये की स्थिरता से आयातित सामान जैसे तेल और इलेक्ट्रॉनिक्स सस्ते हो सकते हैं। साथ ही सरकार और कंपनियों के लिए कर्ज सस्ता होने का असर धीरे-धीरे आम उपभोक्ताओं तक पहुंचेगा और होम लोन, ऑटो लोन और पर्सनल लोन की दरों में राहत मिल सकती है। कुल मिलाकर यह रेटिंग अपग्रेड भारत की वैश्विक साख को और मजबूत बनाता है और इसका असर निवेशकों से लेकर आम लोगों तक पर सकारात्मक रूप से पड़ सकता है।