गेल, ONGC  का शेल के हजीरा टर्मिनल पर ईथेन आयात करने का विचार

punjabkesari.in Thursday, Mar 07, 2024 - 05:45 PM (IST)

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की गैस कंपनी गेल (इंडिया) लि. और तेल उत्पादक ओएनजीसी पेट्रो रसायन क्षेत्र में अपनी महत्वाकांक्षी योजनाओं को पूरा करने के लिए ईथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन के आयात को लेकर गुजरात के हजीरा में शेल के आयात टर्मिनल का उपयोग करने की संभावना तलाशेंगी। गेल ने पिछले साल मई में ईथेन मंगाने सहित ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में अवसरों का पता लगाने के लिए शेल एनर्जी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे। 

आधिकारिक बयान के अनुसार गेल, ऑयल एंड नैचुरल गैस-कॉरपोरेशन (ओएनजीसी) और शेल एनर्जी इंडिया (एसईआई) प्राइवेट लि. ने ईथेन और अन्य हाइड्रोकार्बन के आयात तथा हजीरा में शेल एनर्जी टर्मिनल के उपयोग के लिए जरूरी बुनियादी ढांचे के विकास के अवसरों का पता लगाने को लेकर बृहस्पतिवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। गेल और ओएनजीसी दोनों नियोजित पेट्रोरसायन संयंत्रों के लिए अमेरिका जैसे देशों से ईथेन के आयात की संभावना तलाश रही हैं। इसका उद्देश्य तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था में प्लास्टिक से लेकर पेंट और चिपकने वाले सामानों की जरूरतों को पूरा करना है।

गेल एक ईथेन क्रैकर बनाने पर विचार कर रही है जो प्लास्टिक जैसे उत्पादों के लिए आवश्यक एथिलीन का उत्पादन करेगा। गेल ने बयान में कहा कि उसने पहले ऊर्जा सहयोग के विभिन्न पहलुओं में अवसरों की तलाश के लिए शेल एनर्जी इंडिया के साथ द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये हैं। इसमें हजीरा में मौजूदा एसईआई टर्मिनल में ईथेन आयात बुनियादी ढांचे के विकास पर एक प्रतिष्ठित परामर्श कंपनी ने व्यवहार्यता अध्ययन किया था। हाइड्रोकार्बन के आयात और प्रबंधन के लिए ओएनजीसी का गेल के साथ द्विपक्षीय समझौता है। 

बयान में कहा गया है, ‘‘भारत में ईथेन की आवश्यकता उभरने और ईथेन बुनियादी ढांचे के प्रस्तावित विकास को देखते हुए ओएनजीसी, गेल और एसईआई ने गठजोड़ किया है।'' इस मौके पर गेल के निदेशक (कारोबार विकास) राजीव कुमार सिंघल ने कहा कि ईथेन भारत में एक पसंदीदा पेट्रोरसायन कच्चा माल बनकर उभरा है और इसकी आयात सुविधाओं के विकास में काफी तेजी आई है। ओएनजीसी समूह के महाप्रबंधक और पेट्रोरसायन मामलों के प्रमुख अशोक कुमार ने कहा कि ईथेन भारतीय पेट्रोरसायन उद्योग के लिए कच्चे माल के रूप में भविष्य का ईंधन है। भारत अच्छी पेट्रोरसायन क्षमताएं जोड़ रहा है और व्यावहारिक तथा किफायती ईथेन उपलब्ध कराना आगे की योजनाओं के लिए महत्वपूर्ण है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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