लक्जरी ट्रेनों में रेलवे अफसरों ने की मुफ्त यात्रा, संसदीय समिति ने की खिंचाई

punjabkesari.in Monday, Jan 08, 2018 - 10:02 AM (IST)

नई दिल्लीः रेलवे के एक से बढ़कर एक आला अफसरों ने लक्जरी टूरिस्ट ट्रेनो में मुफ्त सैर का आनंद लिया। इनमें रेलवे बोर्ड, से लेकर जोन और मंडलों के आला अधिकारी शामिल हैं। संसदीय समिति ने इसे जनता के धन का दुरुपयोग बताते हुए इन ट्रेनों में कांप्लीमेंटरी पास की सुविधा बंद करने को कहा है। समिति ने केवल 30 प्रतिशत सीटें भर पाने के बावजूद लक्जरी ट्रेनों में यात्रा के लिए मुफ्त में कुछ यात्रियों को टिकट भेंट किए जाने पर रेलवे की खिंचाई की है।

महज 30 प्रतिशत सीटें ही भरी जाती हैं
संसदीय समिति ने एक हालिया रिपोर्ट में सैकड़ों यात्रियों के नाम का जिक्र किया है जिन्होंने रेलवे बोर्ड और इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आई.आर.सी.टी.सी.) के अधिकारियों की सिफारिश पर पांच लक्जरी ट्रेनों मुफ्त में यात्रा ऐसी ट्रेनों में यात्रा की जिनका इसका किराया 500 से 650 डॉलर ( मौजूदा विनिमय दर के मुताबिक 31,637.50-41,128.75 रुपए) के बीच होता है। अधिकतर सवारी रेलवे के अधिकारी होते हैं। सांसद सुदीप बंदोपाध्याय की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘कमेटी इसका जिक्र करते हुए निराश है कि या तो रेलवे बोर्ड या आई.आर.सी.टी.सी. या राज्य पर्यटन विकास निगम की सिफारिश पर इन लक्जरी ट्रेनों में मुफ्त में पेश टिकट के जरिए यात्रा का प्रावधान जारी है।’’ इसमें कहा गया है कि ऐसी ट्रेनों में महज 30 प्रतिशत सीटें भर पाती है।

यात्रियों को कराई गई मुफ्त यात्रा
राज्य पर्यटन विकास निगमों के साथ तालमेल से रेलवे / आई.आर.सी.टी.सी. लक्जरी पर्यटक ट्रेन प्रीमियर सेवाएं देती हैं। रेलवे महाराजा एक्सप्रेस, गोल्डन चैरीअट, रॉयल राजस्थान ऑन व्हील्स, डेक्कन ओडिसी और पैलेस ऑन व्हील्स सहित पांच लक्जरी ट्रेनों का परिचालन करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि महाराजा एक्सप्रेस में 2012-13 में 30 यात्रियों, 2013-14 में 97 , 2014-15 में 53 और 2015-2016 में 73 यात्रियों ने मुफ्त में यात्रा की। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘यह समझ में नहीं आ रहा कि भेंट के रूप में यात्रा पेशकश की क्या जरूरत है, ऐसे में जब ये लक्जरी ट्रेनें अपने परिचालन खर्चे को पूरा करने के लिए मुश्किल से राजस्व जुटा पाती हैं।’’


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