RBI की नई गाइड लाइनः ई-वॉलेट के इस्तेमाल के दौरान फ्रॉड हुआ तो मिलेगा पूरा पैसा
punjabkesari.in Saturday, Jan 05, 2019 - 01:21 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः आगर आप भी ई-वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नई गाइड लाइन के मुताबिक अगर किसी ग्राहक के साथ कंपनी की लापरवाही से फ्रॉड होता है तो उसके नुकसान के भुगतान की पूरी राशि वापस दी जाएगी। नई गाइड लाइन के मुताबिक अगर ई-वॉलेट या प्री-पेड इंस्ट्रमेंट जारी करने वाली कंपनी की लापरवाही से कोई फ्रॉड होता है तो ग्राहक इसके लिए जिम्मेदार नहीं होगा। इसी तरह अगर थर्ड पार्टी एजेंसी की गलती से ग्राहक को किसी भी तरह का नुकसान होता है तो भी ग्राहक को नुकसान की पूरी राशि दी जाएगी।
3 दिन के अंदर करनी होगी शिकायत
रिजर्व बैंक ने ई-वॉलेट से होने वाले फ्रॉड को रोकने के लिए कमर कस ली है। फ्रॉड की जानकारी मिलने के ग्राहक को तीन दिनों के अंदर इसकी शिकायत ई-वॉलेट कंपनी से करनी होगी। तीन दिन के अंदर शिकायत करने पर ग्राहक को पूरी भरपाई की जाएगी। अगर शिकायत 4 से सात दिन के अंदर की जाती है तो नुकसान की असली रकम या फिर अधिकतम दस हजार रुपए में से जो भी कम होगा वही दिया जाएगा। अगर 7 दिन के बाद ग्राहक शिकायत दर्ज़ कराता है तो ई-वॉलेट कंपनी की इस मामले पर जो पॉलिसी होगी उसी के हिसाब से भरपाई की जाएगी।
ग्राहक की गलती पर थर्ड पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं
रिजर्व बैंक ने इसी के साथ यह भी साफ कर दिया है अगर ग्राहक की गलती से गलत सौदा किया जाता है तो इसके लिए थर्ड पार्टी की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी और इसकी पूरी जिम्मेदारी ग्राहक की होगी। हालांकि ग्राहक की लापरवाही के कारण फ्रॉड हुआ है इसके बारे में ई-वॉलेट कंपनी को साबित करना होगा। रिजर्व बैंक ने ये भी प्रावधान किया है कि अगर कोई ई-वॉलेट कंपनी चाहे तो ग्राहक की गलती होने के बावजूद भी उसे भरपाई कर सकती है।
रिज़र्व बैंक ने ग्राहकों की शिकायतों की सुनवाई से जुड़े कई और भी नियम बनाए हैं। जैसे कि अगर ग्राहक कि गलती नहीं है तो शिकायत मिलने के 10 दिन के भीतर रकम खाते में वापस लौटानी होगी। हालांकि ये रकम ग्राहक में दिखेगी लेकिन इसका इस्तेमाल सौदे में नहीं किया जा सकेगा। ई-वॉलेट कंपनियों को शिकायत दर्ज़ कराने के लिए 24X7 हेल्पलाइन बनानी होगी। साथ ही शिकायतें दर्ज कराने के लिए डायरेक्ट लिंक भी देना होगा। ई-वॉलेट कंपनियों के लिए ये भी जरूरी होगा कि वो शिकायत मिलते ही उसकी पुष्टि करें। इसके लिए ऑटोमैटिक रिप्लाई जैसा सिस्टम बनाना होगा।