विदेशी कर्ज घटकर 514.4 अरब डॉलर पर: RBI

punjabkesari.in Saturday, Sep 29, 2018 - 12:30 PM (IST)

मुंबईः वाणिज्यिक कर्ज, अल्पावधि कर्ज और अनिवासी भारतीय (एन.आर.आई.) की जमा राशि में कमी आने से जून तिमाही में देश का कुल बाहरी कर्ज पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही की तुलना में 2.8 फीसदी कम होकर 514.40 अरब डॉलर रह गया। 

आंकड़ों के अनुसार देश का कुल बाहरी कर्ज मार्च तिमाही के स्तर से 14.9 अरब डॉलर कम होकर जून तिमाही में 514.4 अरब डॉलर रह गया। जून तिमाही अंत में सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) के मुकाबले बाहरी कर्ज अनुपात 20.4 फीसदी पर आ गया। मार्च तिमाही अंत तक यह अनुपात 20.5 फीसदी था। कुल बाह्य कर्ज में वाणिज्यिक कर्ज की सर्वाधिक 37.8 फीसदी हिस्सेदारी रही है। इसके बाद एन.आर.आई. जमा 24.2 फीसदी और अल्पावधि व्यापार ऋण 18.8 फीसदी रहा है। जून 2018 के अंत तक दीर्घावधि ऋण (एक साल से अधिक की परिपक्वता अवधि वाले ऋण) मार्च तिमाही की तुलना में 11.4 अरब डॉलर कम होकर 415.70 अरब डॉलर पर आ गया है। 

गैर-खाद्य क्षेत्रों का कुल बैंक कर्ज अगस्त महीने में 12.4% बढ़ा 
अधिसूचित वाणिज्यिक बैंकों का गैर-खाद्य क्षेत्र का कर्ज इस साल अगस्त महीने में 12.4 फीसदी बढ़ गया। पिछले साल अगस्त महीने में इसमें 5.5 फीसदी की वृद्धि हुई थी। आलोच्य महीने के दौरान कृषि एवं इससे संबंधित क्षेत्रों का कर्ज इस साल 6.6 फीसदी बढ़ा। पिछले साल अगस्त में यह 6.5 फीसदी बढ़ा था। 

आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने के दौरान निजी कर्ज पिछले साल के 15.7 फीसदी की तुलना में इस साल 18.2 फीसदी बढ़ा है। इस दौरान उद्योगों को दिया कर्ज भी 1.9 फीसदी बढ़ा है। हालांकि पिछले साल अगस्त में इसमें 0.3 फीसदी की गिरावट रही थी। रिजर्व बैंक ने जारी बयान में कहा, ‘‘अधिकांश उप-क्षेत्रों जैसे आधारभूत संरचना, कपड़ा, रसायन और रासायनिक उत्पाद आदि को दिया गया कर्ज बढ़ा है।’’ 

हालांकि आधारभूत धातु तथा धातु उत्पादों, सीमैंट एवं सीमैंट उत्पादों, रत्न एवं आभूषण और कागज एवं कागज के उत्पादों को दिया गया ऋण अगस्त 2018 में कम हुआ है। इस दौरान सेवा क्षेत्र को दिया गया कर्ज पिछले साल के अगस्त के 5 फीसदी की तुलना में इस साल अगस्त में 26.7 फीसदी बढ़ा है। 


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jyoti choudhary

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