3 से 6 महीनों में मंदी से बाहर आ सकता है FMCG सैक्टर

punjabkesari.in Thursday, Sep 19, 2019 - 10:24 AM (IST)

नई दिल्लीः अर्थव्यवस्था में छाई सुस्ती के चलते जिन सैक्टरों में मंदी छाई है, उनमें फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स यानी एफ.एम.सी.जी. सैक्टर भी शामिल है। बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां जाने और आय में गिरावट के चलते लोगों ने कुछ समय से अपनी रोजमर्रा की जरूरत के उत्पाद खरीदने बंद कर दिए थे।

पी.एम. किसान मानधन योजना का भी हाथ
एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल अच्छे मानसून के चलते और ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आय बढऩे के कारण एफ .एम.सी.जी. सैक्टर मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में मंदी से बाहर आ सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, अच्छे मानसून के अलावा पी.एम. किसान मानधन योजना में बड़े पैमाने पर किसानों के पंजीयन के बाद ग्रामीण आय में इजाफा होने की उम्मीद है। बाजार में नकदी के संकट का भी सरकार हल निकाल रही है, जिससे एफ.एम.सी.जी. की खरीद बढ़ सकती है। डाबर इंडिया के चीफ फाइनैंशियल ऑफि सर ललित मलिक के मुताबिक, कंपनी को भरोसा है कि आने वाली तिमाहियों में जैसे ही ग्रामीण लोगों तक सरकार की तरफ से आर्थिक मदद पहुंचेगी, वैसे ही खरीदारी का ग्राफ  ऊपर चढ़ेगा।

गांवों में बिस्कुट और हेयर-ऑयल खरीदने से भी बच रहे लोग
मंदी का असर एफ .एम.सी.जी. सैक्टर की कई कंपनियों पर हो रहा है। देश की सबसे बड़ी बिस्कुट निर्माता कंपनी पार्ले प्रोडक्ट्स ने पिछले महीने इशारा किया था कि वह 10,000 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। कंपनी ने चिंता जताते हुए कहा था कि 5 रुपए के बिस्कुट के पैक को भी खरीदार नहीं मिल रहे हैं। खासतौर पर तब जब ग्रामीण क्षेत्रों में 5 रुपए का पैक काफी पॉपुलर हुआ करता है। अब गांवों में हेयर ऑयल और कपड़े खरीदने से भी लोग हिचक रहे हैं। इनकी बिक्री में कमी दर्ज की गई है। देश की सबसे बड़ी कंज्यूमर गुड्स कंपनी हिन्दुस्तान यूनिलीवर (एच.यू.एल.) ने पिछले महीने लक्स, लाइफब्वॉय और डव साबुनों के दाम में कटौती की है।


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Supreet Kaur

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