निर्मला सीतारमण ने कोरोना प्रभावित क्षेत्रों को 1.1 लाख करोड़ की लोन गारंटी देने का किया ऐलान
punjabkesari.in Monday, Jun 28, 2021 - 04:12 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। वित्त मंत्री ने 8 राहत उपायों की घोषणा की। इसमें से 4 घोषणाएं बिलकुल नई होंगी। यह राहत घोषणाओं कोविड से प्रभावित सेक्टर्स के लिए होंगी।
वित्त मंत्री ने कोविड प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ लोन गारंटी स्कीम की घोषणा की है। कोरोना संकट के कारण उपजी आर्थिक चुनैतियों का सामना करने के लिए Covid-19 से प्रभावित सेक्टर्स के लिए 1.1 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया है। इस के तहत हेल्थकेयर सेक्टर को 50,000 करोड़ और दूसरे सेक्टर्स के लिए 60,000 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है।
इकोनॉमिक रिलीफ
- कोविड से प्रभावित सेक्टर के लिए 1.1 लाख करोड़ रुपए की लोन गारंटी स्कीम।
- हेल्थ सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए।
- अन्य सेक्टर्स के लिए 60 हजार करोड़ रुपए।
- हेल्थ सेक्टर के लिए लोन पर 7.95% सालाना से अधिक ब्याज नहीं होगी।
- अन्य सेक्टर्स के लिए ब्याज 8.25% से ज्यादा नहीं होगी।
ECLGS
- ECLGS में 1.5 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे
- ECLGS 1.0, 2.0, 3.0 में अब तक 2.69 लाख करोड़ रुपए का वितरण
- सबसे पहले इस स्कीम में 3 लाख करोड़ रुपए की घोषणा की गई थी।
- अब इस स्कीम का कुल दायरा 4.5 लाख करोड़ रुपए हो गया है
- अब तक शामिल किए गए सभी सेक्टर्स को इसका लाभ मिलेगा
क्रेडिट गारंटी स्कीम
- छोटे कारोबारी-इंडिविजुअल एनबीएफसी, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूट से 1.25 लाख तक का लोन ले सकेंगे।
- इस पर बैंक के एमसीएलआर पर अधिकतम 2% जोड़कर ब्याज लिया जा सकेगा
- इस लोन की अवधि 3 साल होगी और सरकार गारंटी देगी।
- इसका मुख्य मकसद नए लोन को वितरण करना है।
- 89 दिन के डिफॉल्टर समेत सभी प्रकार के बॉरोअर इसके लिए योग्य होंगे।
- इस स्कीम का लाभ करीब 25 लाख लोगों को मिलेगा।
- करीब 7500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया जाएगा। 31 मार्च 2022 तक इसका लाभ मिलेगा।
पर्यटन सेक्टर
वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यटन का क्षेत्र भारत में काफी महत्वपूर्ण है। ये रोजगार और स्वरोजगार पैदा करता है। वित्तीय सहायता टूरिस्ट गाइड्स और दूसरे स्टेक होल्डर्स के लिए की गई है। कार्यशील पूंजी मिलेगी। व्यक्तिगत कर्ज में भी लाभ मिलेगा। देनदारियों को चुकाने के लिए लाई गई है योजना। साथ ही नया कारोबार शुरू करने में भी ये योजना मदद करेगी। 100 फीसदी गारंटी सरकार की तरफ से दी जाएगी। 10 लाख रुपए प्रति एजेंसी तक दिया जाएगा। वहीं, लाइसेंस्ड टूरिस्ट गाइड को 1 लाख रुपए दिए जाएंगे। इसमें कोई प्रॉसेसिंग चार्ज या क्लोजर चार्ज नहीं देना होगा। ये गारंटी मुक्त योजना है।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना का विस्तार
- यह योजना पिछले साल अक्टूबर में लॉन्च की गई थी।
- अब इस स्कीम को बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक किया जा रहा है।
- इस स्कीम के तहत अब तक करीब 21.42 लाख लाभार्थियों के लिए 902 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं।
- इस स्कीम के तहत सरकार 15 हजार से कम वेतन वाले कर्मचारियों और कंपनियों के पीएफ का भुगतान करती है।
- सरकार ने इस स्कीम में 22,810 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा है जिससे करीब 58.50 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
- सरकार कर्मचारी-कंपनी का 12%-12% पीएफ का भुगतान करती है।
पहले 5 लाख विदेशी टूरिस्ट वीजा मुफ्त जारी किए जाएंगे
- यह स्कीम 31 मार्च 2022 तक लागू रहेगी।
- इस स्कीम के तहत 100 करोड़ रुपए की वित्ती सहायता दी जाएगी।
- एक टूरिस्ट को केवल एक बार स्कीम का लाभ मिलेगा।
- विदेशी टूरिस्टों को वीजा की अनुमति मिलते ही इस स्कीम का लाभ मिलेगा।
- 2019 में करीब 1.93 करोड़ विदेशी टूरिस्ट भारत आए थे।
कृषि से संबंधी सब्सिडी
- किसानों को 14,775 करोड़ रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी दी गई है। इसमें 9125 करोड़ रुपए की सब्सिडी डीएपी पर दी गई है।
- 5650 करोड़ रुपए की सब्सिडी एनपीके पर दी गई है।
- रबी सीजन 2020-21 में 432.48 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीदारी की गई है।
- अब तक किसानों को 85,413 करोड़ रुपए सीधे दिए गए हैं।
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना
- कोविड से प्रभावित गरीबों की मदद के लिए पिछले 26 मार्च 2020 को इस स्कीम की घोषणा की गई थी।
- शुरुआत में इस स्कीम का लाभ अप्रैल से जून 2020 के दौरान मिला था।
- बाद में इसे बढ़ाकर नवंबर 2020 तक लागू कर दिया था।
- 2020-21 में इस स्कीम पर 1,33,972 करोड़ रुपए खर्च हुए थे।
- मई 2021 में इस स्कीम को फिर से लॉन्च किया गया।
- इस स्कम के तहत करीब 80 करोड़ लोगों को 5 किलो अनाज नवंबर 2021 तक मुफ्त दिया जाएगा।
- इस स्कीम पर इस साल करीब 93,869 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- पिछले साल और इस साल मिलाकर इस स्कीम पर करीब 2,27,841 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
23220 करोड़ रुपए पब्लिक हेल्थ के लिए
इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस के लिए इस साल 23,220 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पिछले साल 15 हजार करोड़ रुपए इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेस को दिया गया था। इसे 9000 से ज्यादा कोविड हेल्थ केयर सेंटर बने। वहीं, ऑक्सीजन बेड्स में साढ़े सात गुना वृद्धि, आईसीयू बेड्स की संख्या में 42 गुना बढ़ोतरी हुई। इस समय बाल चिकित्सा को ध्यान में रखकर तैयारी की जा रही है। बच्चों के लिए आइसीयू बेड्स, स्वास्थ्य उपकरण, दवाइयों की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए ये प्रावधान किया गया है। वहीं, टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़ाने में भी इसका फायदा मिलेगा। ये रकम मार्च 2022 तक उपलब्ध होगी।