चीन के फैसले से भारत के पांच बड़े सेक्टर जोखिम में! रिपोर्ट में खुलासा

punjabkesari.in Tuesday, Jul 29, 2025 - 01:51 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के अर्थशास्त्रियों की एक ताजा रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि चीन द्वारा 'रेयर अर्थ' खनिजों के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंध का सीधा असर भारत की घरेलू उत्पादन क्षमता और निर्यात गतिविधियों पर पड़ सकता है। यह प्रभाव विशेष रूप से पांच प्रमुख क्षेत्रों—परिवहन उपकरण, बेसिक मेटल्स, मशीनरी, कंस्ट्रक्शन और इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक्स में देखने को मिलेगा।

चीन पर अत्यधिक निर्भरता से बढ़ेगा जोखिम

रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने वित्त वर्ष 2024-25 में रेयर अर्थ और उससे जुड़े उत्पादों का $31.9 मिलियन का आयात किया, जबकि रेयर अर्थ मैग्नेट्स का आयात $291 मिलियन तक पहुंच गया। इन खनिजों की घरेलू मांग तेजी से बढ़ रही है और चीन इस सप्लाई का सबसे बड़ा स्रोत है। ऐसे में भारत की इंडस्ट्री और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर इसका प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

बैंकिंग सेक्टर पर भी पड़ेगा प्रभाव

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस आपूर्ति संकट का अप्रत्यक्ष असर वित्तीय और बैंकिंग क्षेत्र पर भी पड़ सकता है, खासकर उन उद्योगों के जरिए जो रेयर अर्थ मैटेरियल पर निर्भर हैं।

घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की जरूरत

SBI रिपोर्ट ने सुझाव दिया है कि भारत को इस विदेशी निर्भरता से बचने के लिए घरेलू स्तर पर खनिजों की खोज और दोहन को बढ़ावा देना चाहिए। इसी कड़ी में, ओडिशा सरकार की ₹8,000 करोड़ की योजना का हवाला दिया गया है, जिसके तहत गंजाम जिले में खनिज अन्वेषण किया जा रहा है।

क्यों जरूरी हैं रेयर अर्थ खनिज?

रेयर अर्थ एलिमेंट्स (REE) — जिनमें लैंथेनाइड, स्कैंडियम और यिट्रियम जैसे 17 धातु शामिल हैं — आधुनिक तकनीकी और रक्षा उपकरणों का अनिवार्य हिस्सा हैं। ये मोबाइल फोन, कंप्यूटर, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, फ्लैट स्क्रीन टीवी, लेजर, रडार और सोनार सिस्टम सहित 200 से अधिक उत्पादों में उपयोग किए जाते हैं।

SBI की रिपोर्ट सरकार के लिए एक चेतावनी और अवसर दोनों की तरह है — यह घरेलू माइनिंग नीति को मजबूत करने और आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता को रेखांकित करती है।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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