फिच की चेतावनी: भारतीय बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता पर संकट, किया अलर्ट
punjabkesari.in Wednesday, Jan 29, 2025 - 01:54 PM (IST)
नई दिल्लीः फिच रेटिंग्स ने 2025 में भारतीय बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता (asset quality) पर चिंता व्यक्त की है। रेटिंग एजेंसी के अनुसार, असुरक्षित खुदरा ऋणों (unsecured retail loan) में बढ़ते डिफॉल्ट्स से बैंकों की संपत्ति गुणवत्ता पर दबाव पड़ सकता है। हालांकि फिच ने अनुमान जताया है कि भारतीय बैंकों का बिगड़ा हुआ ऋण अनुपात वित्तीय वर्ष 2025 (FY25) में 2.4% तक घट सकता है, फिर भी नए खराब ऋणों (bad loans) में 25% तक वृद्धि हो सकती है।
मुख्य बातें
- भारतीय बैंकों का बिगड़ा हुआ ऋण अनुपात FY25 में 2.4% तक घट सकता है और FY26 में 2.2% तक सुधार हो सकता है।
- असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड उधारी में वृद्धि ने मध्यम अवधि के जोखिम को बढ़ाया है।
- असुरक्षित ऋणों (unsecured loan) में डिफॉल्ट्स ने 1HFY25 में 52% नए खराब खुदरा ऋणों को प्रभावित किया।
- निम्न-आय वाले उधारकर्ताओं का एक तिहाई से अधिक ऋण प्रणाली में हिस्सा है, जो जोखिम को बढ़ाता है।
असुरक्षित ऋणों का विस्तार
फिच के अनुसार, असुरक्षित ऋण, खासकर पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन तेजी से बढ़े हैं। पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड उधारी की वृद्धि दर FY24 से पहले के तीन वर्षों में क्रमशः 22% और 25% थी लेकिन FY25 में वृद्धि धीमी हो गई है। इसके बावजूद ये ऋणों में डिफॉल्ट्स की संभावनाओं को बढ़ा रहे हैं।
नवीनतम बैंकों का प्रदर्शन
भारत के बड़े बैंक असुरक्षित ऋणों के प्रति कम जोखिम लेते हैं लेकिन आक्रामक ऋण वृद्धि रणनीतियों और डिजिटल लेंडिंग के कारण वे भी जोखिम के शिकार हो सकते हैं। इसके अतिरिक्त, बैंकों का अप्रत्यक्ष जोखिम गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs) और फिनटेक लेंडर्स के माध्यम से हो सकता है, जो मुख्य रूप से निम्न-आय वर्ग के उधारकर्ताओं को ऋण देते हैं।
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) का अनुमान है कि बिगड़े हुए ऋणों का अनुपात FY25 में अपने निचले स्तर पर पहुंच जाएगा लेकिन अगले वित्तीय वर्ष (FY26) में यह 3% तक बढ़ सकता है। फिच के अनुसार, भारतीय बैंकों के संपत्ति गुणवत्ता की निगरानी और जोखिम प्रबंधन की क्षमता उनके भविष्य की स्थिरता रेटिंग्स को प्रभावित करेगी।