फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने वाली कंपनी HAL का मुनाफा 77% बढ़कर 1,437 करोड़ रुपए पहुंचा

punjabkesari.in Wednesday, Aug 14, 2024 - 04:54 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत की डिफेंस सेक्टर की सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयोनॉटिक्स लिमिटेड ने वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के परिणाम घोषित कर दिए हैं। शेयर बाजार को जानकारी देते हुए कंपनी ने बताया कि उसका शुद्ध लाभ सालाना आधार पर (HAL Q1 net profit YoY) 77 फीसदी बढ़कर 1437.14 करोड़ रुपए हो गया है। पिछले साल की समान अवधि (Q1FY24) में यह 814.09 करोड़ रुपए रहा था।

तिमाही आधार पर (QoQ) बात की जाए तो कंपनी ने पिछली तिमाही (Q4FY24) में 4308.68 करोड़ रुपए का नेट मुनाफा दर्ज किया था। इस लिहाज से देखा जाए तो पिछली तिमाही के मुकाबले इसके मुनाफे में करीब 200 फीसदी की गिरावट आई है।

सालाना आधार पर रेवेन्यू बढ़ा मगर पिछली तिमाही के मुकाबले धड़ाम

शेयर बाजार को दी गई जानकारी में कंपनी ने बताया कि वित्त वर्ष 25 की अप्रैल-जून तिमाही में उसका ऑपरेशन से रेवेन्यू (HAL Q1 Revenue) 11 फीसदी बढ़कर 4347.50 करोड़ रुपए हो गया, जबकि एक साल पहले की समान अवधि (Q1FY24) में यह 3915.35 करोड़ रुपए रहा था। जबकि मार्च तिमाही (Q4FY24) में HAL का रेवेन्यू 14768.75 करोड़ रुपए रहा था। तिमाही आधार पर कंपनी के रेवेन्यू में करीब 240 फीसदी की गिरावट आई है।

कुल आय और खर्च में भी सालाना आधार पर बढ़ोतरी, मगर तिमाही दर तिमाही प्रदर्शन खराब

चालू वित्त वर्ष की जून तिमाही में HAL की कुल आय (total income) लगभग 18 फीसदी बढ़कर 5083.85 करोड़ रुपये हो गई। पिछले साल की समान तिमाही में यह 432 5.29 करोड़ रुपये थी। जबकि, मार्च तिमाही में (Q1FY24) में HAL की टोटल इनकम 15326.06 करोड़ रुपये रही थी। पिछली तिमाही से तुलना करें तो इसमें भी करीब 200 फीसदी की गिरावट आई है।

इसी तरह HAL के कुल खर्च (Total expenses) की बात की जाए तो यह जून तिमाही में मामूली रूप से बढ़कर 3,506 करोड़ रुपये हो गया। पिछले साल की समान तिमाही में यह 3239 करोड़ रुपये रहा था। जबकि, पिछली तिमाही में कंपनी ने 9542.87 करोड़ रुपए का कुल खर्च दर्ज किया था।

क्या करती है HAL

सरकारी कंपनी एचएएल फाइटर जेट की मैन्युफैक्चरिंग और रखरखाव करती है। HAL भारत की कई उन कंपनियों में से एक है जिसकी बदौलत सरकारी पूंजीगत खर्च में बढ़ोतरी हुई है और डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग को भारत में सफल बनाने का फायदा मिला है। कंपनी सैन्य विमान, हेलीकॉप्टर और इंजन बनाती है, और रखरखाव और मेंटिनेंस की सर्विस भी प्रदान करती है। इनका मेंटिनेंस ही कंपनी का सबसे बड़ा बिजनेस है। मार्च तिमाही में कंपनी के रेवेन्यू का 72 फीसदी हिस्सा इसी बिजनेस से आता था। इस साल अप्रैल में कंपनी को रक्षा मंत्रालय से भारतीय वायु सेना के लिए 97 हल्के लड़ाकू विमान (LCA Mk-1A) तेजस बनाने का ऑर्डर मिला था। इसकी लागत करीब 67,000 करोड़ रुपए बताई गई थी।


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Content Writer

jyoti choudhary

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