बैंक की गलती से गुमा किसान का चैक, अब देना होगा हर्जाना

punjabkesari.in Tuesday, Sep 19, 2017 - 12:49 PM (IST)

दुर्ग: मेहनत से फसल तैयार की, कटाई के बाद धान बेचकर जो कमाया उसका चैक बैंक खाते में जमा कर दिया। बैंक ने 15,120 रुपए का वह चैक गुम कर दिया। इस मामले में भारतीय स्टेट बैंक भिलाई ब्रांच, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक बिलासपुर और सेवा सहकारी समिति भैंसदा (जांजगीर चापा) के शाखा प्रबंधकों को दोषी ठहराते हुए उन पर 50,120 रुपए का हर्जाना लगाया है।

क्या है मामला
यह फैसला सैक्टर-6 भिलाई निवासी धनंजय कुमार दुबे (44) के परिवाद पर फोरम ने सुनाया है। धनंजय ने भैंसदा सहकारी समिति के खरीदी केंद्र पर धान बेचा था। वहां से मिले चैक को एस.बी.आई. भिलाई ब्रांच में जमा किया था। जब रुपए खाते में नहीं आए तब बैंक से संपर्क किया। बैंक ने बताया कि चैक क्लीयरैंस के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासुपर को भेजा है। कई बार बात करने पर भी भुगतान नहीं हुआ तब परिवाद पेश किया।

क्या कहा फोरम ने
फैसले में जिला उपभोक्ता फोरम ने कहा कि बैंकिग कार्य उच्च स्तरीय सेवा है। चैक चोरी या गुम हो जाए तो अविलम्ब हितग्राही के खाते में चैक में अंकित रुपए जमा करने चाहिए। एक किसान मेहनत से फसल उगाता है। उसकी देखभाल करता है। कटाई के बाद पसीना बहाकर मंडी ले जाता है। तब जाकर उसका मेहनताना मिलता है। चैक गुम होने से वह फसल की कीमत और उस पर मिलने वाले ब्याज से वंचित हो गया।

फोरम ने बैंक का पक्ष जानने के लिए अनावेदक बैंक को नोटिस दिया था। इसके बाद भी सुनवाई में वे उपस्थिति नहीं हुए और जवाब भी प्रस्तुत नहीं किया। इसे देखते हुए बैंक ने एकपक्षीय फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता फोरम ने शाखा प्रबंधकों को आदेश दिया है कि वे मिलकर किसान को 50,120 रुपए का भुगतान करें। इसमें चैक की राशि पर 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 25,000 रुपए मानसिक कष्ट और 10,000 वाद व्यय भी शामिल है।


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