चुनावी सीजन की वजह से नौकरियां देने में कंजूसी बरतेंगे नियोक्ता, वेतनवृद्धि 8-10% होगी

punjabkesari.in Sunday, Dec 23, 2018 - 06:21 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रौद्योगिकी में बदलाव से इस साल कई पारंपरिक नौकरियों की जगह नई नौकरियों ने ले ली। वहीं वेतन में करीब आठ-दस प्रतिशत की औसत वृद्धि हुई। दूसरी ओर अगर आने वाले साल की बात करें तो विशेषज्ञों एवं नियोक्ताओं को लगता है कि नए वर्ष में करीब 10 लाख नए रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। हालांकि उन्होंने कहा कि वेतनवृद्धि पिछले साल की तरह ही बनी रह सकती है। हालांकि, कुछ खास क्षेत्र के लोगों की वेतन में अधिक बढ़ोतरी भी हो सकती है। 

अगले साल होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर संभावना जताई है कि राजनीतिक अनिश्चितता को देखते हुए नियोक्ता 2019 की पहली छमाही में सतर्क रुख अख्तियार कर सकते हैं। रोजगार सृजन हाल के समय में बहस का बड़ा अहम मुद्दा रहा है क्योंकि तेज व्यापक आर्थिक वृद्धि के बावजूद रोजगार सृजन की गति उम्मीद के अनुरूप नहीं रही है। दूसरी ओर एक आकलन के मुताबिक हर साल 1.2 करोड़ लोग रोजगार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं।

विशेषज्ञों का कहना है कि देश में रोजगार सृजन को लेकर पर्याप्त और विश्वसनीय आंकड़ों के अभाव के कारण भी स्थिति ज्यादा बदतर हो गई है। साल 2016 के नवंबर में नोटबंदी और एक जुलाई, 2017 को जीएसटी लागू किए जाने के बाद 2018 में भारतीय रोजगार बाजार फिर से पटरी पर लौटता नजर आया। सोसायटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) के परामर्श विभाग के प्रमुख निशिथ उपाध्याय के मुताबिक, 'यह विडंबना है कि आम चुनाव के दौरान रोजगार सृजन एक बड़ा मुद्दा रहने वाला है, इसके बावजूद संगठन 2019 में अपनी कारोबारी योजना को लागू करने को लेकर सतर्कता का रुख अपना सकते हैं। इससे कम-से-कम साल की पहली तिमाही में रोजगार सृजन प्रभावित होगा।'


सबसे ज्यादा पढ़े गए

jyoti choudhary

Recommended News

Related News