RBI गवर्नर ने बैंकों को ग्लोबल चैलेंज और सोशल मीडिया पर सतर्क रहने की दी सलाह

punjabkesari.in Monday, Oct 14, 2024 - 11:03 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक उच्च स्तरीय सम्मेलन में "Central Banking at Crossroad" विषय पर अपना विचार प्रस्तुत किया। इस सम्मेलन में उन्होंने बैंकों के कार्यप्रणाली पर चर्चा करते हुए मौजूदा वैश्विक चुनौतियों के बीच बैंकों को सतर्क रहने के लिए कुछ आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। शक्तिकांत दास ने कहा कि आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था पहले से कहीं अधिक एकीकृत हो गई है, जिसके परिणामस्वरूप विभिन्न देशों के बैंकों की मौद्रिक नीतियों में बदलाव के कारण पूंजी प्रवाह और विनिमय दरों में अस्थिरता उत्पन्न हो रही है। उन्होंने RBI के 90 वर्ष पूरे होने के अवसर पर इस संदर्भ में अपनी बात रखी।

बैंकों को क्या करना होगा

गवर्नर ने बैंकों को सोशल मीडिया के संदर्भ में सतर्क रहने की सलाह दी और कहा कि उन्हें किसी भी प्रतिकूल परिस्थिति का सामना करने के लिए अपने तरलता बफर को मजबूत बनाना चाहिए। यह बैंकों के लिए आवश्यक है कि वे अपनी तरलता को सुनिश्चित करें ताकि पूंजी प्रवाह प्रभावित न हो। शक्तिकांत दास ने भविष्य की केंद्रीय बैंकिंग को पुनः परिभाषित करने के लिए तीन प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने का प्रस्ताव रखा: मौद्रिक नीति, वित्तीय स्थिरता, और नई तकनीक। इन मुद्दों पर सम्मेलन के विशेष सत्रों में भी चर्चा की गई।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व और अन्य चुनौतियां

गवर्नर ने अपने संबोधन में अमेरिकी फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में संभावित कटौती के संकेत दिए, साथ ही बैंक ऑफ जापान और चीन के केंद्रीय बैंक के हालिया निर्णयों पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारत के केंद्रीय बैंक को वैश्विक आर्थिक खतरों और साझा हितों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक कदम उठाने पड़ते हैं। गौरतलब है कि आरबीआई ने 9 अक्टूबर को मौद्रिक नीति के तहत रेपो रेट को स्थिर रखने का निर्णय लिया था।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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