बिजली की कीमत आज 5 रुपए प्रति यूनिट पर आ जाएगी: बिजली सचिव

Thursday, Sep 14, 2017 - 03:50 PM (IST)

नई दिल्लीः बिजली सचिव ए के भल्ला ने आज कहा कि कम बारिश के कारण पनबिजली उत्पादन में कमी, पवन और सौर ऊर्जा में गिरावट तथा परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के रखरखाव और पारा चढ़ने के कारण मांग बढ़ने से हाजिर बाजार में बिजली की कीमत नौ रुपए प्रति यूनिट से ऊपर पहुंच गई। उन्होंने उम्मीद जताई कि तापीय बिजली संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति बढ़ाए जाने समेत सरकार के अन्य कदम से  बिजली की कीमत आज पांच रुपए प्रति यूनिट पर आ जाएगी। उल्लेखनीय है कि कल कारोबारी सत्र में बिजली की हाजिर कीमत 9.38 रुपए प्रति यूनिट पर आ गई।

कोयले की मांग बढ़ी
विद्युत प्रवाह पोर्टल के अनुसार एक्सचेंजों में 100 मेगावाट अधिशेष बिजली की उपलब्धता से आज दोपहर औसत हाजिर कीमत 5.05 रुपए प्रति यूनिट पर आ गई। उद्योग मंडल सी.आई.आई. के बिजली पारेषण उद्योग पर एक सम्मेलन के दौरान अलग से बातचीत में भल्ला ने कहा, ‘‘हाजिर बाजार में बिजली की कीमत कल अचानक नौ रुपए प्रति यूनिट पर आ गई। इसमें आज कमी आएगी और यह पांच रुपए प्रति यूनिट पर आ जाएगी।’’ कोयले की कमी के बारे में उन्होंने कहा कि बिजली संयंत्रों में ईंधन की कमी को देखते हुए कोयला की आपूर्ति बढ़ाई जा रही है, इससे बिजली उत्पादन बढ़ेगी। भल्ला ने कहा कि अभी बिजली संयंत्रों के लिए 205 कोयला रैक भेजे जा रहे थे। कोयला मंत्रालय ने इसे बढ़ाकर 225 रैक प्रतिदिन किए जाने को लेकर आश्वस्त किया है। इस बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पवन ऊर्जा में 7,500 मेगावाट और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के रखरखाव संबंधी कार्यों के कारण बंद होने 2,500 मेगावाट की कमी आई है। यह अचानक हुआ है। बारिश कम हुई। तापमान बढ़ने के साथ बारिश के मौसम में कृषि मांग बढ़ी है।’’

बिजली उत्पादन में कमी
बिजली सचिव ए के भल्ला ने कहा, ‘‘चार बिजली संयंत्रों में उत्पादन में काफी कमी आई है। इसमें 12 प्रतिशत की कमी आई है। दूसरी तरफ कोयला उत्पादन 17 प्रतिशत बढ़ा है। हमें और कोयला रैक मिल रहे हैं। अभी 205 कोयला रैक प्रतिदिन बिजली संयंत्रों के लिए लोड किए जा रहे हैं जिसे बढ़ाकर 225 प्रतिदिन किए जाने की योजना है।’’ इससे पहले, सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिजली वितरण कंपनियों को पटरी पर लाने की उदय योजना बिजली की लागत की प्राप्ति की दिशा में पहला कदम है। उन्होंने बिजली आपूर्ति में होने वाले नुकसान को कम करने की जरूरत पर भी बल दिया।  

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