बूचड़खाने पर रोक तथा GST का असरः बढ़ी किक्रेट बॉल की कीमतें

punjabkesari.in Friday, Jul 07, 2017 - 12:33 PM (IST)

जालंधरः केंद्र सरकार द्वार बूचडखानों पर रोक लगाने तथा जी.एस.टी. लागू करने के बाद खेल तथा चमड़ा उद्योग पर संकट के बादल छा गए हैं। चमड़ा उद्योग पहले से ही कच्चे माल की कीमतों में 15 से 20 प्रतिशत की वृद्धि के कारण मंदी की मार झेल रहा था। वहीं सरकार द्वारा बूचड़खाने तथा पशुओं की खरीद फरोख्त पर पाबंधी लगाने और जी.एस.टी. लागू करने के बाद किक्रेट गेंदों की कीमतों में दोगुणा वृद्धि होने की संभावना है। इस संबंधी  खेल फोरम के अध्यक्ष रविंद्र धीर ने कहा कि उद्योगपतियों के पास अभी तक 1 माह का चमड़ा पड़ा है।

इसके चलते क्रिकेट गेंदों की कीमत स्थिर या इनमें 5 से 10 प्रतिशत की मामूली वृद्धि हो सकती है। अगर बूचडखाने  पर प्रतिबंध लगा रहा तो कीमतो में 40 प्रतिशत वृद्धि होने की संभावना है। उन्होंने कहा की विभन्न खेलों में प्रयोग की जाने वीले गेंदे चमड़े की बनती हैं। इनके लिए चमड़ा यू.पी. से आता है। अब वहां बूचड़खाने बंद हो की कगार पर है। इसके कारण चमड़े की जो शीट पहले उन्हें 1300 में मिलती थी वो अब 1700 रुपए में मिल रही है।

प्रमुख स्पोर्ट्स ट्रेडर राजिंदर प्रसाद ने कहा कि बेहतर गुणवत्ता वाले क्रिकेट बॉल की कीमत 600 रुपए तक पहुंच गई है जबकि 6 माह पहले इसकी कीमत 350 से 400 रुपए  तक थी। पंजाब लेदर फैडरेशन अध्यक्ष कर्नल जगजीत सिंह ने कहा कि आम तौर पर व्यापारी बूचड़खाने  से चमड़ा खरीदना पसंद करते हैं, क्योंकि यह क्रिकेट बॉल और खेल सामग्री के लिए ज्यादा अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि बूचडखाने पर प्रतिबंध तथा कच्चे माल पर जी.एस.टी. लागू होने से  चमड़ा उद्योग में 10 हजार से ज्यादा कर्मचारियों की नौकरी  खतरे में पड़ गई है।

पहले राज्य में कच्चे माल की खरीद पर कोई टैक्स नहीं था। बस सिर्फ 2 प्रतिश्त केंद्रीय बिक्री कर (सी.एस.टी.) लगाया जाता था। सरकार द्वारा जी.एस.टी. लागू करने के बाद सरकार ने राज्य में कच्चे माल की खरीद पर जी.एस.टी 5 प्रतिशत और अन्य राज्यों से आयात करने पर आई.जी.एस.टी. 5% कर लगाया है। इसी तरह, सरकार राज्य सरकार द्वारा लगाए गए वर्तमान 6.05% वैट के खिलाफ तैयार चमड़े के आयात पर 12% जी.एस.टी. चार्ज कर रही है, जिससे सभी चमड़े के सामानों की कीमत में इजाफा होगा।


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