तेल में उबाल का असर, फिच ने भारत के ग्रोथ अनुमान को घटाकर 8.5% किया

punjabkesari.in Tuesday, Mar 22, 2022 - 11:05 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः रेटिंग एजेंसी ‘फिच’ ने रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ऊर्जा कीमतों में बढ़ोतरी के बाद अगले वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास के अनुमान को 10.3 प्रतिशत से घटाकर 8.5 प्रतिशत कर दिया है। एजेंसी ने कहा कि कोरोना वायरस के ‘ओमीक्रॉन’ स्वरूप के प्रकोप में कमी आने के बाद से प्रतिबंधों में ढील दी गई है, जिससे इस साल जून की तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि में तेजी लाने के लिए मंच तैयार हुआ है।

एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी विकास के अनुमान को 0.6 प्रतिशत बढ़ाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया है। ‘फिच’ ने कहा, ‘‘हालांकि, हमने भारत के लिए वित्त वर्ष 2022-2023 में अपने विकास पूर्वानुमान को तेजी से बढ़ती ऊर्जा कीमतों के कारण घटाकर 8.5 प्रतिशत (-1.8 फीसदी की कमी के साथ) कर दिया है।’’ 

बढ़ेगी महंगाई
फिच ने कहा कि कोविड-19 (COVID-19) महामारी की रिकवरी संभावित रूप से भारी वैश्विक आपूर्ति झटके से प्रभावित हो रही है जो विकास को कम करेगी और मुद्रास्फीति को बढ़ाएगी। एजेंसी ने कहा, यूक्रेन में युद्ध और रूस पर आर्थिक प्रतिबंधों ने वैश्विक ऊर्जा आपूर्ति को खतरे में डाल दिया है। प्रतिबंधों को किसी भी समय जल्द ही रद्द किए जाने की संभावना नहीं है।

वर्ल्ड GDP ग्रोथ का अनुमान भी घटाया
रूस दुनिया की लगभग 10 फीसदी एनर्जी की आपूर्ति करता है, जिसमें उसकी नैचुरल गैस का 17 फीसदी और तेल का 12 फीसदी हिस्सा शामिल है। तेल और गैस की कीमतों में उछाल से उद्योग की लागत बढ़ेगी और उपभोक्ताओं की वास्तविक आय में कमी आएगी। फिच ने कहा कि उसने वर्ल्ड जीडीपी ग्रोथ अनुमान को 0.7 फीसदी अंक घटाकर 3.5 फीसदी कर दिया।


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Content Writer

jyoti choudhary

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