Economic Survey 2020: आर्थिक सलाहकार ने बताया देश में क्यों आई मंदी

punjabkesari.in Friday, Jan 31, 2020 - 03:10 PM (IST)

बिजनेस डेस्क: वर्ष 2019-2020 का इकोनॉमिक सर्वे संसद में पेश कर दिया गया है। इस सर्वे रिपोर्ट में देश की अर्थव्‍यवस्‍था को लेकर कई अहम आंकड़े पेश किए गए हैं। मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार (CEA) कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यम ने आर्थिक सर्वे के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा ​कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुस्ती दुनिया की धीमी अर्थव्यवस्था की वजह से है। उन्होंने कहा कि सरकारी दखल की वजह से इकोनॉमी को जितना सपोर्ट नहीं मिलता, उससे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ता है। इकोनॉमिक सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार कर्ज माफी या फूड सब्सिडी जैसे जो फैसले लेती है, उसकी वजह से फ्री मार्केट डिस्टर्ब होता है। 

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सुब्रमण्यम ने कहा कि साल 2019 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में गिरावट के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था में भी गिरावट देखी जा रही है। अधिकांश देशों की अर्थव्यवस्था में साल 2014-15 की तुलना में 2019 में गिरावट देखी गई है। अगर विलफुल डिफॉल्टरों ने पैसे लौटा दिए होते, तो हम सामाजिक क्षेत्रों पर लगभग दोगुनी राशि खर्च कर सकते थे। साल 2013 के बाद से निवेश में गिरावट के कारण 2017 से आर्थिक सुस्ती की शुरुआत हुई।उद्यमियों द्वारा वेल्थ क्रिएटर्स के विश्लेषण से मालूम होता है कि वेल्थ क्रिएशन से सभी को लाभ होता है।

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बता दें कि हर साल पेश किए जाने वाली आर्थिक समीक्षा को देश के चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर के नेतृत्व वाली टीम तैयार करती है। आर्थिक समीक्षा से देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार की दृष्टि और आने वाले समय में इकोनॉमी को लेकर सरकार के रुख का पता चलता है। जून, 2018 में अरविंद सुब्रमण्यम के मुख्य आर्थिक सलाहकार के पद से इस्तीफा देने के बाद लगभग छह महीने तक यह पद खाली था।  इसके बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने हैदराबाद के इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम  को 2018 में देश का नया मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया था। यह दूसरा मौका है जब उनके नेतृत्व में आर्थिक समीक्षा तैयार किया गया है। कृष्णमूर्ति सुब्रमण्यम ने आईआईटी कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था। इसके बाद उन्होंने आईआईएम, कोलकाता से पीजीडीएम किया था। उन्होंने यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो से भी पढ़ाई की है। 

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vasudha

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