Reason of Market Down: इन 4 कारणों से औंधे मुंह गिरा बाजार, नए साल में पहली बार मार्केट में बड़ी गिरावट

punjabkesari.in Friday, Jan 03, 2025 - 03:50 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः शेयर बाजार में नए साल की शुरुआत के साथ दिखी तेजी पर 3 जनवरी को विराम लग गया। कारोबार के अंत में सेंसेक्स 720 अंकों की भारी गिरावट के साथ बंद हुआ, जबकि निफ्टी 24,004 के स्तर तक फिसल गया। खासतौर पर आईटी और बैंकिंग शेयरों में बिकवाली का दबाव बना रहा। यह गिरावट पिछले दो दिनों की तेजी के बाद आई है, जब बाजार ने 2.3% की बढ़त दर्ज की थी। हालांकि, आज के सत्र की शुरुआत ही लाल निशान के साथ हुई, जिससे निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा। 

आज की गिरावट के पीछे 4 बड़े कारण

क्रूड ऑयल के दाम में उछाल

इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में तेजी आई है। ब्रेंट क्रूड फ्यूचर्स का भाव गुरुवार को 1.29 डॉलर या 1.7 प्रतिशत बढ़कर 75.93 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर बंद हुआ। यह बढ़ोतरी मुख्य रूप से चीन के आर्थिक सुधार और उसके चलते फ्यूल की मांग में तेजी की उम्मीद बढ़ने के चलते आई है। हालांकि क्रूड की ऊंची कीमतें भारत जैसे तेल आयात करने वाले देशों के लिए महंगाई का खतरा पैदा कर सकती हैं, जिसके चलते बाजार का सेंटीमेंट कमजोर रह सकता है।

ग्लोबल लेवल पर चुनौतीपूर्ण माहौल

ग्लोबल इकोनॉमी के स्तर पर फिलहाल माहौल चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। डॉलर इंडेक्स 109.22 के स्तर पर पहुंच गया है, और अमेरिका के 10-साल के ट्रेजरी बॉन्ड की यील्ड 4.56% है। इसके चलते विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) अमेरिका में निवेश ही करने को लेकर आकर्षित हो रहे है और इसका असर भारत जैसे उभरते देशों पर पड़ा रहा है। FIIs यहां पिछले कुछ समय से लगातार बिकवाली कर रहे हैं।

अमेरिकी ब्याज दरों में कटौती की कमजोर उम्मीदें

अमेरिका में लेबल मार्केट का हालिया आकड़ा मजबूत रहा है। इसके चलते फेडरल रिजर्व की ओर से इस साल ब्याज दरों में आक्रामक कटौती की संभावना कम हो गई है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने 2025 में केवल दो बार ब्याज दरों में कटौती की है, जबकि पहले 4 बार कटौती की उम्मीद की जा रही थी।अमेरिका में ब्याज दरों के ऊंची रहने से विदेशी निवेशकों के लिए भारतीय बाजार कम आकर्षक बन जाते हैं। इसका असर खासतौर पर आईटी कंपनियों जैसे टीसीएस, इंफोसिस आदि पर देखने को मिलता है, जिनकी कमाई का बड़ा हिस्सा अमेरिकी बाजार से आता है।

टेक्निकल सेटअप

मार्केट एनालिस्ट्स ने निफ्टी के लिए 24,000 के अहम टेक्निकल सपोर्ट लेवल की ओर ध्यान आकर्षित किया है। रेलिगेयर ब्रोकिंग के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, अजित मिश्रा ने बताया कि अगर यह स्तर टूटता है, तो निफ्टी साइडवे ट्रेंड में जा सकता है, जिससे बाजार में अस्थिरता बढ़ सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा बाजार सेंटीमेंट को देखते हुए, यह तकनीकी स्तर बाजार के लिए एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।  


 


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Content Writer

jyoti choudhary

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