Budget 2025: रुपए की गिरावट से बढ़ी चिंता, बजट में इम्पोर्ट ड्यूटी पर सरकार कर सकती है बड़ा फैसला
punjabkesari.in Wednesday, Jan 15, 2025 - 01:58 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार गिरावट ने सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। इससे निपटने के लिए सरकार आगामी बजट में कुछ अहम फैसले ले सकती है। EY के मुख्य नीति सलाहकार डीके श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार आगामी बजट में पिछले कुछ महीनों में रुपये के मूल्य में आई भारी गिरावट को रोकने के लिए आयात पर उच्च शुल्क लगाने पर विचार कर सकती है। प्रख्यात अर्थशास्त्री ने तर्क दिया कि उच्च आयात शुल्क से आयातकों की ओर से डॉलर की मांग पर अंकुश लगेगा और रुपए के गिरते मूल्य को रोकने में मदद मिलेगी। रुपया 13 जनवरी को 86.70 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गया था।
डीके श्रीवास्तव ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए में अचानक आई गिरावट नीति निर्माताओं के लिए एक चुनौती बनने जा रही है। राजकोषीय पक्ष पर बजट निर्माताओं के लिए और मौद्रिक पक्ष पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिए। उम्मीद है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था में सुधार होने जा रहा है और इसलिए बहुत सारे वित्तीय संसाधन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का रुख कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा कि सिर्फ रुपया ही नहीं, बल्कि अन्य यूरोपीय मुद्राएं भी इसी तरह के दबाव का सामना कर रही हैं। श्रीवास्तव 15वें वित्त आयोग की सलाहकार परिषद के सदस्य भी हैं।
श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘बजट में उनके पास विनिमय दरों की गति को प्रभावित करने के लिए कोई बहुत शक्तिशाली राजकोषीय साधन नहीं है लेकिन वे शुल्क दरों की थोड़ी अधिक बारीकी से जांच कर सकते हैं और वे संभवतः भारतीय अर्थव्यवस्था को घरेलू उद्योग के लिए अधिक सुरक्षा की ओर ले जा सकते हैं। इसके परिणामस्वरूप आयात शुल्क राजस्व भी बढ़ सकता है। इसके साथ ही, आयातकों की ओर से डॉलर की मांग में कमी आ सकती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने के लिए अधिक सुरक्षा या समर्थन प्रदान करना नीतिगत मामला है। आयात शुल्क में कुछ संशोधन हो सकते हैं। इस प्रकार, आयात की मांग में कमी आ सकती है और घरेलू उत्पादन के जरिये आयात के लिए कुछ प्रतिस्थापन हो सकता है। डॉलर की मांग तथा अतिरिक्त आयात शुल्क राजस्व के संदर्भ में कुछ बचत हो सकती है। साथ ही इन सभी उपायों से शुल्क वृद्धि और युक्तिकरण की दिशा में कुछ प्रगति हो सकती है।’’