डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के चालू वित्त वर्ष में लक्ष्य को पार कर जाने की उम्मीद, चेयरमैन ने जताया अनुमान
punjabkesari.in Tuesday, Nov 19, 2024 - 03:42 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः चालू वित्त वर्ष (2024-25) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 22.07 लाख करोड़ रुपए के लक्ष्य से अधिक रहने की उम्मीद है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने यह अनुमान जताया। अग्रवाल ने कहा कि जिन करदाताओं ने अपने आयकर रिटर्न में विदेशी आय या संपत्ति का खुलासा नहीं किया है, उनके पास वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपना संशोधित रिटर्न दाखिल करने के लिए 31 दिसंबर तक का समय है। कर विभाग उन करदाताओं को एसएमएस और ई-मेल भेज रहा है, जिन्होंने उच्च मूल्य वाली संपत्तियों का खुलासा नहीं किया है।
हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने करदाताओं को इस प्रकार के एसएमएस और ई-मेल भेजे गये हैं। भारत अंतरराष्ट्रीय व्यापार मेले (आईआईटीएफ) में करदाता ‘लाउंज’ का उद्घाटन करते हुए अग्रवाल ने यह भी कहा कि आयकर कानून की समीक्षा के लिए भाषा को सरल और समझने में आसान बनाने को लेकर आयकर कानून की समीक्षा के संदर्भ में 6,000 से अधिक सुझाव आये हैं।
एक अप्रैल से 10 नवंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.41% बढ़कर 12.11 लाख करोड़ रुपए
अग्रवाल ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि हम कर संग्रह के बजट लक्ष्य को पार कर जाएंगे। कंपनी और व्यक्तिगत कर समेत अन्य कर संग्रह बढ़े हैं।’’ सीबीडीटी के कर संग्रह के ताजा आंकड़ों के अनुसार, एक अप्रैल से 10 नवंबर तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 15.41 प्रतिशत बढ़कर 12.11 लाख करोड़ रुपए रहा है। इसमें 5.10 लाख करोड़ रुपए का शुद्ध कंपनी कर और 6.62 लाख रुपए गैर-कंपनी कर शामिल है। गैर-कंपनी कर में व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों आदि द्वारा भुगतान किया गया कर शामिल है।
इस अवधि के दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) मद में 35,923 करोड़ रुपए प्राप्त हुए। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए प्रत्यक्ष कर से 22.07 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा है। इसमें कंपनी कर से 10.20 लाख करोड़ रुपए और व्यक्तिगत आयकर तथा अन्य करों से 11.87 लाख करोड़ रुपए प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। अग्रवाल ने विदेशी संपत्तियों के बारे में खुलासा नहीं करने को लेकर करदाताओं को सूचित करने के संबंध में कहा कि कर विभाग सूचनाओं के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के तहत विभिन्न देशों से विदेशी संपत्तियों के बारे में सभी विवरण प्राप्त करता है और आयकर रिटर्न में खुलासे के साथ ऐसे विवरणों का मिलान करता है।
उन्होंने कहा, ‘‘इस कदम का मूल मकसद करदाताओं को विदेशी संपत्तियों की घोषणा के बारे में याद दिलाना है। वे 31 दिसंबर तक संशोधित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।’’ विदेशी संपत्तियों में विदेशी बैंक खाते, किसी कारोबार/इकाई में वित्तीय हित, देश के बाहर अचल संपत्ति, विदेशी इक्विटी समेत अन्य संपत्तियां शामिल हैं।