सितंबर के पहले पखवाड़े में डीजल की बिक्री में गिरावट, मानसून की बारिश से औद्योगिक गतिविधि प्रभावित
punjabkesari.in Tuesday, Sep 17, 2024 - 04:05 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः भारत में सितंबर के पहले पखवाड़े में राज्यों के रिटेल विक्रेताओं की डीजल बिक्री में गिरावट दर्ज की गई है। शुरुआती बिक्री आंकड़ों के अनुसार, मानसून की भारी बारिश ने औद्योगिक गतिविधियों और यातायात पर नकारात्मक प्रभाव डाला, जिससे डीजल की मांग में कमी आई है। भारत, जो दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है, आमतौर पर जून से सितंबर तक चलने वाले मानसून सीजन के दौरान ईंधन की मांग में गिरावट देखता है। इस दौरान देश के कुछ हिस्से बाढ़ से प्रभावित होते हैं, जिससे आर्थिक और औद्योगिक गतिविधियां धीमी हो जाती हैं।
आंकड़ों के अनुसार, राज्य के रिटेल विक्रेताओं ने सितंबर की पहली छमाही में 2.4 मिलियन मीट्रिक टन डीजल बेचा, जो अगस्त की इसी अवधि से 4 प्रतिशत कम और पिछले वर्ष की तुलना में 12.3 प्रतिशत कम है। डीजल का मुख्य उपयोग ट्रकों और वाणिज्यिक वाहनों में होता है, जिनकी मांग मानसून के कारण कम हो गई है।
वहीं, यात्री वाहनों में उपयोग होने वाले गैसोलीन की बिक्री 1.23 मिलियन टन पर स्थिर रही। हालांकि, यह पिछले साल की तुलना में 5.1 प्रतिशत कम रही है। इसके अलावा, कृषि क्षेत्र में सिंचाई के लिए गैसोइल से चलने वाले जनरेटर की मांग भी बारिश के चलते घट गई है।
भारत की गैसोइल की खपत सीधे औद्योगिक गतिविधियों से जुड़ी हुई है, और मानसून ने इस पर असर डाला है। इंडियन ऑयल कॉर्प, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्प लिमिटेड जैसे राज्य के रिटेल विक्रेताओं के पास देश के 90 प्रतिशत से अधिक ईंधन आउटलेट्स हैं।
इसके अलावा, सितंबर की पहली छमाही में तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (LPG) की बिक्री 1.32 मिलियन टन रही, जो पिछले महीने की तुलना में 3.3 प्रतिशत अधिक है, हालांकि यह पिछले साल की तुलना में 2.9 प्रतिशत कम है। विमानन ईंधन की बिक्री में भी 1.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।