बजट में कृत्रिम हीरे के कच्चे माल पर आयात शुल्क हटाने की मांग

punjabkesari.in Sunday, Jan 08, 2023 - 03:40 PM (IST)

नई दिल्लीः रत्न एवं आभूषण निर्यातकों ने सरकार से आगामी बजट में प्रयोगशाला में तैयार होने वाले हीरे के कच्चे माल पर आयात शुल्क खत्म करने के साथ ही आभूषण मरम्मत नीति के ऐलान की मांग की है। रत्न एवं आभूषण उद्योग ने सरकार से विशिष्ट अधिसूचित क्षेत्रों में हीरों की बिक्री पर अनुमानित कर लगाने का सुझाव भी दिया है। इसके अलावा विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के लिए लाए जा रहे नए ‘देश' विधेयक को लागू करने की भी मांग की गई है। 

उद्योग ने एक फरवरी को पेश होने वाले बजट में एक तरह के ‘हीरा पैकेज' की घोषणा करने का सरकार से अनुरोध करते हुए कहा है कि अमेरिका और यूरोप में उच्च मुद्रास्फीति एवं आर्थिक संकट पैदा होने के साथ ही चीन में लॉकडाउन से हीरे के निर्यात एवं इसमें मिलने वाले रोजगार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। प्राकृतिक रूप से मिलने वाले हीरे के उत्खनन पर आने वाली ऊंची लागत को देखते हुए प्रयोगशाला में हीरा बनाने (एलजीडी) पर काफी जोर दिया जा रहा है। एलजीडी को विशेष मानकों का ध्यान रखते हुए प्रयोगशाला के भीतर अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी की मदद से तैयार किया जाता है। इसके लिए एक बीज का इस्तेमाल किया जाता है जो कि खास किस्म का कच्चा माल होता है। 

कामा ज्वेलरी के संस्थापक एवं प्रबंध निदेशक कोलिन शाह ने कहा कि वर्ष 2025 तक वैश्विक रत्न एवं आभूषण निर्यात में एलजीडी का हिस्सा 10 प्रतिशत होने की संभावना है। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसी स्थिति में एलजीडी को प्रोत्साहन देकर निर्यात वृद्धि के अलावा रोजगार भी पैदा किया जा सकता है। अगर एलजीडी के बीज पर आयात शुल्क हटा दिया जाता है, तो इसे बहुत मजबूती मिलेगी।'' 

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्द्धन परिषद के पूर्व अध्यक्ष शाह ने आभूषण मरम्मत के लिए नीति लाने की भी मांग करते हुए कहा है कि भारत के रत्न एवं आभूषण की मरम्मत का वैश्विक केंद्र बनने की संभावना है। इससे प्रौद्योगिकी का हस्तांतरण होने के अलावा नए रोजगार भी पैदा होंगे। सूरत स्थित इंडियन डायमंड इंस्टिट्यूट के चेयरमैन दिनेश नवाडिया ने सरकार से बजट में हीरा उद्योग के लिए खास पैकेज घोषित करने की मांग करते हुए कहा है कि इस प्रोत्साहन से निर्यात संभावनाओं को बल मिलेगा।
 


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

jyoti choudhary

Recommended News

Related News