Ganesh Chaturthi के मौके पर 25,000 करोड़ के कारोबार की उम्मीद, चीनी सामान से दूर रह रहे खरीदार
punjabkesari.in Saturday, Sep 07, 2024 - 12:18 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः गणेश चतुर्थी का त्योहार आज से शुरू हो गया है और इसे भारत में बेहद धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। यह फेस्टिव सीजन का कारोबारियों के लिए शानदार होने की संभावना है। बाजार में गणेश चतुर्थी के मौके पर काफी हलचल है और भारतीय सामानों की मांग तेजी से बढ़ रही है, जबकि चीनी प्रोडक्ट्स का बहिष्कार जारी है। कैट के अनुसार, इस साल गणेश चतुर्थी पर पूरे भारत में लगभग 25,000 करोड़ रुपए के कारोबार की उम्मीद है।
20 लाख से अधिक गणेश पंडाल लगाए गए
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के अनुसार, गणेश चतुर्थी के दौरान महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और गोवा जैसे राज्यों में आर्थिक गतिविधि में तेजी आती है। कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि इन राज्यों में स्थानीय व्यापारियों के सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 20 लाख से अधिक गणेश पंडाल स्थापित किए गए हैं। यदि प्रत्येक पंडाल पर न्यूनतम 50,000 रुपए का खर्च भी माना जाए, तो यह आंकड़ा 10,000 करोड़ रुपए से अधिक हो जाता है।
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इनपर बढ़ेगा खर्च
प्रवीण खंडेलवाल के मुताबिक, गणेश प्रतिमाओं का व्यापार 500 करोड़ से अधिक का होता है। फूल, माला, फल, नारियल, धूप और अन्य पूजन सामग्री की बिक्री भी 500 करोड़ के करीब होती है। मिठाई की दुकानों और घरेलू व्यवसायों की बिक्री में 2000 करोड़ रुपए से अधिक की वृद्धि देखी जाती है। इसके अलावा परिवारों द्वारा बड़े समारोहों और भोज के आयोजन के चलते कैटरिंग और स्नैक पर लगभग 3000 करोड़ रुपए का व्यापार होता है।
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इन सामानों की बिक्री बढ़ने की उम्मीद
बीसी भरतिया के मुताबिक, गणेश चतुर्थी के दौरान पर्यटन और परिवहन व्यवसाय को भी बड़ा बढ़ावा मिलता है। ट्रेवल एजेंसियां, होटलों और परिवहन सेवाओं (जैसे बस, टैक्सी, ट्रेन) की मांग में वृद्धि देखी जाती है, जिसका कारोबार 2000 करोड़ रुपए से अधिक हो सकता है। रिटेल और मर्चेंडाइज की बात करें तो त्योहार से संबंधित वस्त्र, आभूषण, घर की सजावट और उपहार वस्तुओं की बिक्री भी 3000 करोड़ रुपए तक पहुंच सकती है। इसके अलावा कचरा प्रबंधन और पर्यावरणीय सेवाओं को भी बड़ा बढ़ावा मिलता है। इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों को भी लगभग 5000 करोड़ रुपए का बिजनेस मिलेगा।
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