तीसरी तिमाही में कमजोर पड़ी कारोबारी धारणा: RBI सर्वे

punjabkesari.in Sunday, Jan 29, 2017 - 01:36 PM (IST)

मुंबईः रिजर्व बैंक (आर.बी.आई.) द्वारा पिछले साल अक्तूबर-दिसंबर के दौरान कराए गए एक सर्वेक्षण में कारोबारी धारणा घटकर 3 साल के निचले स्तर पर आने की बात सामने आई है। साथ ही इस साल जनवरी-मार्च की तिमाही के लिए उम्मीद कमजोर पडऩे की बात भी सामने आई है।

विनिर्माण क्षेत्र की 1,221 कंपनियों के बीच कराए गए सर्वेक्षण के आधार पर केंद्रीय बैंक ने कहा है कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही की तुलना में तीसरी तिमाही में कंपनियों ने उत्पादन स्थिर रहने की बात कही है लेकिन उनका मानना है कि चौथी तिमाही में इसमें गिरावट आएगी। वहीं, तीसरी तिमाही में नए ऑर्डरों, क्षमता के अपूर्ण इस्तेमाल, आयात, नौकरी, वित्तीय स्थिति, वित्त की उपलब्धता, विक्रय मूल्य, कुल कारोबारी धारणा तथा वेतन में कमी आई है। 

केंद्रीय बैंक ने बताया कि कारोबारी अपेक्षा सूचकांक 102.7 से घटकर 101.1 रह गया। वहीं, चौथी तिमाही के लिए उम्मीदों पर आधारित सूचकांक 112.9 से घटकर 111.1 पर आ गया। सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहीं भी तिमाही की सबसे बड़ी आर्थिक घटना नोटबंदी का जिक्र नहीं किया गया है।  

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी तिमाही में कारोबारी अपेक्षा सूचकांक 3 साल के निचले स्तर पर आ गया है। वहीं, अगली तिमाही के लिए उम्मीदों पर आधारित सूचकांक भी 9 महीने के निचले स्तर पर है। अगली तिमाही में कर्मचारियों का वेतन तथा भत्ते बढ़ाने की बात करने वाली कंपनियों का प्रतिशत घटा है जबकि घटाने या स्थिर रखने की बात करने वालों का प्रतिशत बढ़ा है। दूसरी तिमाही के 31.4 प्रतिशत की जगह तीसरी तिमाही में सिर्फ 29.4 प्रतिशत कंपनियों ने कहा कि ओवरऑल कारोबारी परिस्थिति सुधरी है। इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ ऐसा मानने वालों की संख्या 54.6 से घटकर 54.2 प्रतिशत तथा गिरावट की बात कहने वालों की 14 फीसदी से बढ़कर 16.4 फीसदी पर पहुंच गई है।  

सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वालों में 28.3 प्रतिशत प्रतिभागियों ने कहा कि उनका मुनाफा अनुपात घटा है जबकि 15.3 फीसदी ने कहा कि इसमें बढ़ौतरी हुई है। चौथी तिमाही के लिए 21.3 फीसदी ने इसमें और कमी आने की आशंका जताई है जबकि 18.5 फीसदी को लगता है कि इसमें बढ़ौतरी होगी। कंपनियों को महंगाई का डर भी सताने लगा है।  कुल 44.6 फीसदी कंपनियों को लगता है कि तीसरी तिमाही में कच्चा माल के दाम बढ़े हैं जबकि सिर्फ 6.4 फीसदी ने कहा कि उनके लिए कच्चा माल की कीमत में कमी आई है। वहीं, 39.4 फीसदी का मानना है कि चौथी तिमाही में कच्चा माल के दाम बढ़ेंगे जबकि 5.1 फीसदी ने इसमें गिरावट की उम्मीद जताई है। 


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