WTO MC13: मिनिस्टीरियल कांफ्रेंस में फैसला, 2 साल और जारी रहेगी ई-कॉमर्स ड्यूटी पर पाबंदी

punjabkesari.in Saturday, Mar 02, 2024 - 03:27 PM (IST)

नई दिल्लीः वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन की 13वीं मिनिस्टीरियल कॉन्फ्रेंस में डिस्प्यूट रिजोल्यूशन मैकनिज्म पर कोई सहमति नहीं बन सकी है लेकिन इस बैठक में -कॉमर्स पर लगने वाली कस्टम ड्यूटी पर जो पाबंदी लगाई थी उसे अगली मिनिस्टीरियल कॉन्फ्रेंस यानी कि 2 साल तक बढ़ाने का फैसला लिया गया है। अगली कॉन्फ्रेस 2 साल बाद होनी है, जिसमें दोबारा से इस पर कोई फैसला लिया जाएगा। ऐसा अनुमान है कि अगली बैठक में ये पाबंदी खत्म कर दी जाएगी।

भारत का ड्यूटी खत्म करने पर जोर

बैठक में हुए ये फैसले भारत के रुख से अलग रहे हैं। भारत ने ड्यूटी को खत्म करने पर जोर दिया था। अब इस फैसले के भारत में ऑनलाइन वीडियो गेम्स, ई-बुक्स या फिर ई-फिल्म की बिक्री करने वाली विदेशी कंपनियों पर टैक्स फिलहाल 2 साल के लिए नहीं लगाया जाएगा।

लगातार बढ़ रही ई-कॉमर्स पर ड्यूटी

बता दें, बीते कई सालों से ई-कॉमर्स पर लगातार ड्यूटी बढ़ाई जा रही है। हालांकि इस बार की बैठक के पहले ही भारत समेत कुछ और देशों ने इसका विरोध किया था। वहीं एक पूरी तरह से कार्यरत डिस्प्यूट सेटलमेंट सिस्टम पर कोई समझौता नहीं हो सका है।

कॉन्फ्रेंस के ड्रॉफ्ट स्टेटमेंट को देखें तो इसमें कहा गया है कि इस मुद्दे पर विचार जारी है और इसमें पारदर्शी तरीके से तेजी लाई जाएगी।

भारत ने क्यों किया पाबंदी का विरोध

ड्यूटी को लेकर भारत के साथ ही दूसरे डेवलेपिंग देशों का मानना है कि ड्यूटी न लगने की वजह से देश की इनकम में नुकसान हो रहा है। दरअसल अमेरिका और यूरोप में बड़ी संख्या में ऐसी कंपनियां है जो इलेक्ट्रॉनिक फिल्में, ई-बुक जैसे प्रोडक्ट बेचती हैं इनसे मोटी कमाई करती हैं। लेकिन इस कमाई पर वो उन देशों में कोई टैक्स नहीं देती जहां वो उत्पादों की बिक्री कर रही हैं।
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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