भारत के लिए खतरे की घंटी : 15 वर्षों में बूढ़ी होने लगेगी युवा आबादी
punjabkesari.in Thursday, Nov 01, 2018 - 05:39 AM (IST)
नई दिल्ली: मौजूदा समय में भारत दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। इसके साथ ही भारत बहुत जल्द दुनिया का सबसे युवा देश बन जाएगा लेकिन एक रिपोर्ट के मुताबिक आने वाले 15 साल में भारत के लिए खतरे की घंटी बजने वाली है। इस दौरान देश के लिए सबसे बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है, जिसका मुख्य कारण बेरोजगारी है।
देश में नौकरियों की व्यवस्था कम होने के चलते अधिकतर लोग बेरोजगार हैं। इस लिहाज से देखा जाए तो आने वाले 15 वर्षों के दौरान भारत के युवाओं के लिए तेजी से नौकरियों के अवसर पैदा करने होंगे क्योंकि ये युवा अधेड़ अवस्था में पहुंच चुके होंगे। यानी कि भारत की युवा आबादी 15 वर्षों के दौरान बूढ़ी हो चुकी होगी।
पी.डब्ल्यू.सी. (प्राइस वाटरहाऊस कूपर) की तरफ से जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यदि तेजी से नौकरियों के अवसर पैदा नहीं होते हैं तो आगे चलकर इससे भारत के लिए संकट की स्थिति पैदा हो सकती है। डाटा के अनुसार भारतीय आबादी की मौजूदा उम्र 27.6 वर्ष है। कुल आबादी के आधे से भी अधिक लोग 25 वर्ष से कम आयु के हैं। पी.डब्ल्यू.सी. ने कहा कि साल 2034 के बाद भारतीय आबादी की औसत उम्र बढ़ती जाएगी। इसका एक ही हल है और वह यह कि नौकरीपेशा उम्र के लोगों के लिए सही समय पर नौकरियों के अवसर पैदा करना। एक आंकड़े के मुताबिक वर्ष 2027 तक भारत में 10 करोड़ नई नौकरियों की जरूरत है। इसमें 80 प्रतिशत नौकरियां केवल 10 राज्यों की आबादी को ही चाहिएं।
उत्तर प्रदेश के लिए चुनौती : कांत
नीति आयोग के सी.ई.ओ. अमिताभ कांत ने कहा कि यह चुनौती सबसे अधिक उत्तर प्रदेश के लिए है क्योंकि भारत की कुल आबादी का छठा हिस्सा उत्तर प्रदेश में रहता है। कांत ने इस बात पर भी जोर दिया कि हमें नौकरी के पारंपरिक जरियों के साथ ही कृषि, डेयरी, रूरल एंटरप्रेन्योरशिप और अनौपचारिक सैक्टर में भी अवसर तलाश करने चाहिएं।
पी.डब्ल्यू.सी. ने दिया पांच सूत्रीय प्रस्ताव
पी.डब्ल्यू.सी. ने पांच सूत्रीय सुझाव भी दिया है। नागरिक प्लान के तहत सरकार, लोगों व प्राइवेट इकाइयों को एक साथ आना चाहिए। नौकरियों के अवसर के लिए लोगों के व्यापार एवं आॢथक गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए बाजार की तरफ भी रुख करना चाहिए। हर राज्य को अपनी क्षमता और काबिलियत का फायदा उठाना चाहिए। पब्लिक सैक्टर व सरकार को भी अपनी क्षमता के अनुसार इस क्षेत्र में काम करना चाहिए। सबसे अधिक ध्यान लंबी अवधि को लेकर नौकरियों के बारे में प्लाङ्क्षनग करनी चाहिए।