अगस्त में फिर से बढ़ सकती है देश की मुद्रास्फीति, महंगाई रोकने को और आक्रामक नीति अपना सकता है RBI

punjabkesari.in Friday, Sep 09, 2022 - 04:52 PM (IST)

नई दिल्लीः भारत की खुदरा मुद्रास्फीति अगस्त में फिर से बढ़ सकती है। पिछले तीन महीने से मुद्रास्फीति में जारी गिरावट अगस्त में थम सकती है। फूड प्राइस में बढ़ोतरी की वजह से महंगाई में तेजी दिख रही है। यह बात रायटर्स पोल में इकोनॉमिस्टों ने कही है। इस वजह से आने वाले महीनों में रिजर्व बैंक और आक्रामक तरीके से ब्याज दरों को बढ़ा सकता है।

फूड इंफ्लेशन में तेज उछाल का अनुमान है क्योंकि गेहूं, चावल और दालों जैसी आवश्यक फसलों की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। फूड इंफ्लेशन, कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) का लगभग आधा हिस्सा है। हालांकि उच्च मुद्रास्फीति एक वैश्विक घटना है लेकिन यह भारत जैसे देशों में ज्यादा नुकसान पहुंचाती है, जहां लाखों लोग घोर गरीबी में रहते हैं।

खाद्य वस्तुओं की कीमत बढ़ी

भारत सरकार द्वारा पिछले महीने के अंत तक गेहूं के आटे के निर्यात को प्रतिबंधित करने के बावजूद महंगाई बढ़ने का अनुमान है। सीपीआई के जरिए मापी जाने वाली मुद्रास्फीति के अगस्त में वार्षिक आधार पर 6.90% तक बढ़ने का अनुमान है, जो पिछले महीने 6.71% था। लगभग 45 अर्थशास्त्रियों ने 5 से 8 सितंबर के रायटर सर्वेक्षण में हिस्सा लिया। डाटा के पूर्वानुमान के मुताबिक 12 सितंबर को जारी होने वाली मुद्रास्फीति 6.30% और 7.37% के बीच रह सकती है।

दुनिया भर में महंगाई की समस्या

मुद्रास्फीति बढ़ने की स्थिति में रिजर्व बैंक और आक्रामत तरीके से ब्याज दर बढ़ा सकता है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए रेट हाइक कर रहे हैं। दुनिया भर में महंगाई की समस्या बनी हुई है। खासतौर से यूरोप में महंगाई ने संकट और बढ़ा दिया है। बढ़ती मुद्रस्फीति को रोकने के लिए यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने कल गुरुवार को रिकॉर्ड ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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