इस वर्ष कपास उत्पादन में कमी का अनुमान

punjabkesari.in Sunday, Sep 11, 2016 - 02:05 PM (IST)

नई दिल्लीः कपास की बुआई में गिरावट और देश के मध्य एवं दक्षिण क्षेत्र में देर से बरसात के कारण इस बार इसकी पैदावार में कमी आने तथा 338 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है। कपास सलाहकार बोर्ड (सी.ए.बी.) के अनुसार इस वर्ष कपास की बुआई में 7 प्रतिशत की कमी आई है जिसके कारण इसके उत्पादन में कमी आने की संभावना है। पहले 352 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान जताया गया था। 

 

उत्तरी क्षेत्र में सफेद मक्खी और गुजरात में पिंक बॉल कीट का प्रकोप भी कपास की पैदावार में गिरावट का कारण है। कृषि मंत्रालय ने कपास की पैदावार में वृद्धि के लिए कपास विकास कार्यक्रम तथा कुछ अन्य कदम उठाए हैं। ये कदम 15 कपास उत्पादक राज्यों आन्ध्र प्रदेश, असम, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र , ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, तेलंगाना, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में उठाए गए हैं।

 

इन राज्यों में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन के माध्यम से किसानों को खेती की आधुनिकतम तकनीक की जानकारी दी जा रही है। इसके साथ ही देसी कपास, लम्बे रेशे वाले कपास और घनी बुआई पद्धति से खेती आदि को बढावा दिया जा रहा है। राज्यों में कृषि विभाग, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केन्द्र भी इन योजनाओं को लागू कर रहे हैं। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत राज्य भी इसमें अपना सहयोग देते हैं।  

 

उत्तरी और मध्य क्षेत्र में किसानों के कपास की जगह दूसरी फसलों को लगाने के कारण भी गत वर्ष की तुलना में कपास की खेती में 7 प्रतिशत की कमी आई है। कपास उत्पादक कुछ क्षेत्रों में देर से बरसात की शुरूआत हुई तथा कुछ स्थानों पर पर्याप्त वर्षा नहीं हुई। कृषि मंत्रालय ने कपास की पैदावार को बढ़ावा देने के लिए 2016-17 कपास सीजन के दौरान लम्बे रेशे वाले कपास का मूल्य 4160 प्रति क्विंटल तथा मध्यम रेशे वाली कपास की कीमत 3860 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की है। किसानों से सीधे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद के लिए भारतीय कपास निगम लिमिटेड अधिकृत है। 

 

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