ठेके पर खेती के कानून में हो सकती हैं सभी कृषि जिंस

punjabkesari.in Monday, Feb 06, 2017 - 04:28 PM (IST)

नई दिल्लीः ठेके पर खेती के लिए प्रस्तावित मॉडल कानून में सभी कृषि जिंसों को शामिल किया जा सकता है न कि इसे सिर्फ एक या दो जिंसों तक सीमित किए जाने की संभावना है। इसकी घोषणा वित्त मंत्री अरुण जेतली ने बजट भाषण में की थी। वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक प्रस्तावित कानून, जो सुधारे गए मॉडल कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) और मॉडल पट्टे की भूमि अधिनियम के साथ होगा, केंद्र सरकार के उस दृष्टिकोण का हिस्सा होगा जिसमें वह ग्रामीण इलाकों में कृषि गतिविधियों को ऊर्जा देने व किसानों की आमदनी दोगुनी करने की कवायद कर रही है। 

जेतली ने कहा कि ठेके पर खेती पर मॉडल कानून तैयार किया जाएगा और इसे अंगीकार करने के लिए राज्यों के पास भेजा जाएगा। यह कानून भूमि अधिग्रहण कानून के आस पास होगा, जिसे विपक्षी दलों के कड़े विरोध के कारण छोडऩा पड़ा। कानून के सभी तीन हिस्से मॉडल कानून हैं क्योंकि जमीन और कृषि राज्य का विषय है और इसमें केंद्र सरकार की बहुत कम भूमिका है। 

अधिकारी ने कहा, 'ठेके पर खेती का कानून का प्रारूप बनाने के लिए हम जल्द ही विशेषज्ञों की एक उच्चाधिकार समिति बनाएंगे। हमें विश्वास है कि यह जल्द ही मूर्त रूप ले लेगा।' कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा था कि ठेके पर खेती के लिए मॉडल कानून तैयार किया जाएगा और इसकी जरूरत के मुताबिक कृषि कानून में संशोधन किया जाएगा। 

मौजूदा एपीएमसी ऐक्ट में ठेके पर खेती की अनुमति देने के लिए प्रावधान हैं, लेकिन अधिकारियों ने कहा कि अलग मॉडल कानून बनाने के पीछे मकसद यह सुनिश्चित करना है कि एपीएमसी ठेके की खेती का मध्यस्थ न बने। अधिकारी ने कहा, 'इस समय ठेके की खेती के ज्यादातर कानून राज्य सरकारों ने बनाए हैं और इसमें एक या दो कृषि जिंस शामिल किया गया है। यह केवल विपणन तक सीमित है। लेकिन हमारे मॉडल कानून में सभी कृषि जिंस शामिल होंगे और यह एक समग्र कानून होगा, जो बीज वितरण से शुरू होगा।'


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