सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवर देख BS-6 की तैयारी में जुटीं कंपनियां

punjabkesari.in Friday, Mar 31, 2017 - 11:47 AM (IST)

नई दिल्लीः उत्सर्जन मानक पर सुप्रीम कोर्ट के कड़े तेवर देख कार कंपनियों और सरकारी तेल कंपनियों के होश उड़ गए हैं। इन दोनों उद्योगों से जुड़ी कंपनियों के सामने यह साफ हो गया है कि उन्हें अब हर कीमत पर एक अप्रैल, 2019 से देश भर में बीएस-6 मानकों के हिसाब से ही वाहन व ईंधन देने होंगे।

कंपनियों को करना होगा बड़ी मात्रा में निवेश
देश में नए मानक वाले पैट्रोलियम उत्पादों की बिक्री की पैट्रोलियम व प्राकृतिक गैस मंत्रालय में जांच की गई है। मारुति, हुंडई समेत अन्य दिग्गज ऑटो कंपनियों ने भी नए मानकों को लागू करने की जांच की है। एक अनुमान के मुताबिक बीएस-6 मानक के लिए तेल कंपनियों और ऑटो कंपनियों को तकरीबन 1.35 लाख करोड़ रुपए के नए निवेश करने होंगे। इसमें तेल कंपनियों को 85,000 करोड़ रुपए खर्च करने होंगे, जबकि वाहन निर्माताओं को 50,000 करोड़ रुपए का निवेश करना पड़ेगा।

इंजन बनाने की लागत बढ़ेगी
होंडा कार्स, हुंडई मोटर्स, मर्सिडीज बेंज के सूत्रों का भी कहना है कि वे नए मानकों के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसमें कोई कोताही नहीं होगी। इन सभी कंपनियों के लिए भारत दुनिया के सबसे अहम कार बाजार में से एक है। नए निवेश की वजह से क्या आने वाले दिनों में कारों की कीमतें भी बढ़ेंगी। इस बारे में पूछने पर इन कंपनियों का कहना है कि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी। लेकिन यह तय है कि बीएस-4 के बाद सीधे बीएस-6 मानक के मुताबिक इंजन बनाने के लिए काफी लागत बढ़ जाएगी। जाहिर है कि इसका असर बिक्री मूल्य पर भी पड़ेगा। सबसे ज्यादा रिफाइनरी वाली सरकारी कंपनी इंडियन ऑयल के सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2015 के अंत में केंद्र की तरफ से वर्ष 2019-2020 से सिर्फ बीएस-6 पैट्रोलियम उत्पादों की बिक्री का ऐलान किया गया था।

पैट्रोलियम मंत्रालय से हो रही है बातचीत
अनुमान है कि इसके लिए कंपनी को रिफाइनरियों पर 40 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त निवेश करना होगा। इस बारे में लगातार पैट्रोलियम मंत्रालय से भी बात हो रही है। हर रिफाइनरी के हिसाब से रोडमैप बन चुका है। कुछ मंजूरियां अभी पैट्रोलियम मंत्रालय से लेनी शेष हैं। अब यह काम ज्यादा तेजी से होगा। पहले के नियम के मुताबिक एक अप्रैल, 2022 से बीएस-5 और 2024 में इसी तारीख से बीएस-6 मानक लागू होने थे। लेकिन नवंबर, 2015 में केंद्र सरकार ने सीधे अप्रैल, 2020 से बीएस-6 को लागू करने का एेलान कर दिया। कंपनियां यह कोशिश में थीं कि इस अवधि में थोड़ी बढ़ौतरी हो, लेकिन अब बीएस-3 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद उन्हें राहत मिलने की उम्मीद नहीं है।
 


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