विमानन क्षेत्र में 2018 में रहा मिलीजुला अनुभव, यात्रियों की संख्या बढ़ी

punjabkesari.in Tuesday, Dec 25, 2018 - 04:10 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः देश के विमानन क्षेत्र के लिए वर्ष 2018 मिलेजुले अनुभवों वाला रहा। एक तरफ यात्रियों की संख्या, उड़ानों और हवाई अड्डों की संख्या के लिहाज से तेज वृद्धि का क्रम जारी रहा तो दूसरी ओर विमान ईंधन की ऊँची कीमतों ने विमान सेवा कंपनियों की वित्तीय हालत पतली कर दी। यह वर्ष सरकारी विमान सेवा कंपनी एयर इंडिया और सार्वजनिक हेलीकॉप्टर सेवा प्रदाता पवनहंस के विफल विनिवेश के साथ ड्रोनों के नागरिक इस्तेमाल की अनुमति के लिए भी जाना जायेगा।

सरकार की पिछले साल शुरू की गयी कम किराये वाली क्षेत्रीय संपर्क योजना ‘उड़ान’ के कारण कई नये छोटे तथा मंझोले शहरों से सेवाएँ शुरू होने से इस साल भी हवाई यात्रियों की संख्या में मजबूत वृद्धि का क्रम जारी रहा। यह लगातार चौथा वर्ष है जब घरेलू मार्गों पर यात्रियों की संख्या 20 फीसदी के करीब बढ़ी है। जनवरी से नवंबर के बीच देश में हवाई यात्रियों की संख्या 12 करोड़, 62 लाख 83 हजार रही जो पिछले साल जनवरी से नवंबर की अवधि के मुकाबले 19.21 प्रतिशत अधिक है। यह आँकड़ा 2017 में पहली बार 10 करोड़ के पार पहुंचा था और पूरे कैलेंडर वर्ष में 11 करोड़ 71 लाख 76 हजार रहा था। इस साल महज 11 महीने में ही नया रिकॉर्ड बन चुका है।

पिछले साल दिसंबर में देश में हवाई अड्डों की कुल संख्या 86 थी जो इस साल बढ़कर 101 हो चुकी है। सिक्किम का पाक्योंग हवाई अड्डा 100वाँ हवाई अड्डा बना जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। फिलहाल देश में 20 अंतर्राष्ट्रीय और 60 घरेलू हवाई अड्डे हैं। इनके अलावा संयुक्त उपक्रम वाले छह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे, कस्टम के आठ हवाई अड्डे और सात राज्य सरकारों के या पूरी तरह से निजी हवाई अड्डे भी हैं।


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Isha

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