कोकाकोला, इंफोसिस, अन्य मिलकर भारत में लड़ेंगे प्लास्टिक प्रदूषण से
punjabkesari.in Saturday, Jun 02, 2018 - 07:33 PM (IST)
नई दिल्लीः कोकाकोला, इंफोसिस और हिल्टन समेत कई कंपनियों ने भारत में प्लास्टिक के प्रदूषण से निपटने का बीड़ा उठाया है। सरकार 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में लोगों के बीच ‘प्लास्टिक प्रदूषण को हराओ’ की अवधारणा पर जागरुक कर रही है।
कोकाकोला के भारत और दक्षिण पश्चिमी एशिया बाजार के उपाध्यक्ष (जन सम्पर्क) इश्तियाक अमजद ने कहा, ‘‘हमने शपथ ली है कि 2030 तक हम बाजार जितने उत्पाद की आपूर्ति करेंगे उनकी पैकिंग को वापस लेकर उनका पुनर्चक्रण करेंगे।’’ उन्होंने एक बयान में कहा कि कंपनी अपनी सारी पैकिंग पुनर्चक्रण करने लायक रखने को प्रतिबद्ध है। हमने इस पर भारत में कुछ साल पहले काम करना शुरु किया है और हम इसे समय से पहले पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।
कंपनी ने बताया कि उसकी बॉटलिंग सहयोगी कंपनी हिंहदुस्तान कोकाकोला बेवरेजेस ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है। कंपनी ने मुंबई और गोवा में एक पुनर्चक्रण परियोजना शुरु की है और भोपाल में एक जल्द शुरु की जाएगी। इस परियोजना को संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी), पर्यावरण में प्लास्टिक के लिए भारतीय केंद्र (आईसीपीई) और गैर-सरकारी संगठन स्त्री मुक्ति संगठन के साथ मिलकर लागू किया जा रहा है ताकि उपयोग हुई प्लास्टिक से कुछ मूल्यवान पैदा किया जा सके और प्लास्टिक के कचरे से चक्रीय अर्थव्यवस्था को स्थापित किया जा सके।
इसी तरह सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी इंफोसिस अपने परिसर में प्लास्टिक से बने सामानों को पर्यावरण अनुकूल सामानों से बदलेगी। इसमें पानी की बोतलें, पॉलीथीन, खाने के पैकेट, बाथरूम में उपयोग किए जाने वाले सामान, कचड़े के पैकेट और बिजनेस कार्ड इत्यादि शामिल हैं। इसी प्रकार हिल्टन समूह भी 2018 के अंत तक अपने परिचालन वाले एशिया-प्रशांत क्षेत्र के होटलों में उसके यहां होने वाले सम्मेलनों इत्यादि से प्लास्टिक की पानी की बोतलें इत्यादि हटा देगा।
समूह के पास 100 देशों में कुल 5,300 होटल हैं और भारत में भी उसके पास सात होटल हैं। इसी तरह रेस्तरां बार श्रृंखला ‘द बीयर कैफे’ भी 5 से 12 जून के बीच उसके किसी भी बार में 500 मिलीलीटर या उससे अधिक मात्रा की खाली प्लास्टिक बोतल लाने पर ग्राहकों को छूट देगी। ग्राहकों को 5 से 10 बोतल लाने पर उनके बिल पर 10 फीसदी और 10 से 15 बोतल लाने पर 15 फीसदी की छूट दी जाएगी। विश्व आर्थिक मंच के मुताबिक भारत हर साल 56 लाख टन प्लास्टिक कचरे का उत्पादन करता है और समुद्र में फेंके जाने वाले कुल प्लास्टिक कचरे में 60 फीसदी का योगदान करता है।