कोल इंडिया की 39 खनन परियोजनाओं में विलंब: रिपोर्ट

punjabkesari.in Sunday, Sep 05, 2021 - 01:37 PM (IST)

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी कोल इंडिया लि. (सीआईएल) की 39 कोयला खनन परियोजनाएं विलंब से चल रही हैं। हरित मंजूरियों में देरी, पुनर्वास और पुन:स्थापन के मुद्दों की वजह से इन परियोजनाओं में देरी हो रही है। खनन परियोजनाओं में देरी का मुद्दा इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है क्योंकि देश के बिजली संयंत्र इस समय कोयले के भंडार में कमी की समस्या से जूझ रहे हैं। 

कोल इंडिया की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘83.64 करोड़ टन सालाना की 114 कोयला परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इन परियोजनाओं के लिए 1,19,580.62 करोड़ रुपये की पूंजी मंजूर की गई है। इन 114 परियोजनाओं में से 75 तो अपने निर्धारित समय के हिसाब से चल रही हैं, लेकिन 39 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं।'' रिपोर्ट में कहा गया है कि मुख्य रूप से वन मंजूरी और जमीन पर कब्जे में देरी तथा पुनर्वास और पुन:स्थापन के मुद्दों की वजह से इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है। 

वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान कोल इंडिया की 2.76 करोड़ टन की वार्षिक मंजूर क्षमता और 1,976.59 करोड़ रुपये की पूंजी वाली नौ कोयला परियोजनाएं पूरी हुईं। इन परियोजनाओं को कुल 1,958.89 करोड़ रुपये की पूंजी के साथ पूरा किया गया। इनमें से चार परियोजनाएं वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि., तीन सेंट्रल कोलफील्ड्स लि. और दो महानदी कोलफील्ड्स लि. की हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 14 लाख टन की मंजूर क्षमता और 143.63 करोड़ रुपए की पूंजी वाली एक परियोजना से बीते वित्त वर्ष में कोयले का उत्पादन शुरू हुआ। सीआईएल की इकाई साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स की खनन परियोजना से बीते वित्त वर्ष में उत्पादन शुरू हुआ। घरेलू कोयला उत्पादन में कोल इंडिया की हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary

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