China Stimulus: चीन ने धीमी पड़ती इकोनॉमी में फूंकी जान, किया 839 बिलियन के राहत पैकेज का ऐलान
punjabkesari.in Friday, Nov 08, 2024 - 03:19 PM (IST)
बिजनेस डेस्कः चीन ने लोकल गवर्नमेंट के कर्जों के रीफाइनेंस करने के लिए 839 बिलियन डॉलर के पैकेज का ऐलान किया है। चीन का ये कदम अमेरिका में ट्रंप सरकार की वापसी के जवाब में देखा जा रहा है, चीन अपनी धीमी पड़ती इकोनॉमी में जान फूंकने की कोशिश कर रही है, ऐसे में ट्रंप की वापसी से चीन इकोनॉमी को नया रिस्क पैदा हो गया है।
क्या है चीन का डेट स्वैप प्लान?
शिन्हुआ समाचार एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि चीन स्थानीय सरकारों की कर्ज की सीमा को बढ़ाकर 35.52 ट्रिलियन युआन कर देगा, जो उन्हें छिपे हुए कर्जों को स्वैप करने के लिए तीन वर्षों में अतिरिक्त स्पेशल बॉन्ड में 6 ट्रिलियन युआन जारी करने की इजाजत देगा। अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय सरकारें इस मकसद के लिए पांच साल में नए स्पेशल लोकल बॉन्ड कोटा में कुल 4 ट्रिलियन युआन का इस्तेमाल करने में सक्षम होंगी।
नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति की ओर से मंजूर की गई ये योजना ज्यादातर अर्थशास्त्रियों के अनुमानों के करीब है, क्योंकि चीन वित्तीय जोखिमों पर अंकुश लगाना और विकास को बढ़ावा देना चाहता है। 2015 के बाद यह पहली बार है कि अधिकारियों ने एक साल के बीच में ही स्थानीय सरकारों के लिए कर्ज की सीमा बढ़ाई है।
इधर ऐलान, उधर बॉन्ड यील्ड फिसली
वित्त मंत्री लैन फोआन ने एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, "ये स्वैप अंतरराष्ट्रीय और घरेलू विकास परिवेश, स्थिर आर्थिक और राजकोषीय संचालन सुनिश्चित करने की आवश्यकता और स्थानीय सरकारों की वास्तविक विकास स्थिति को ध्यान में रखते हुए एक प्रमुख नीतिगत फैसला है।"
जैसे ही अधिकारियों ने डेट स्वैप स्कीम को लॉन्च किया, युआन तुरंत घट गया और 0.6% गिरकर 7.1891 प्रति डॉलर पर आ गया। 10-साल के चीन सरकारी बॉन्ड पर यील्ड सितंबर के बाद से सबसे निचले स्तर पर आ गई है।
लैन का अनुमान है कि स्वैप से पांच साल में ब्याज भुगतान में लगभग 600 बिलियन युआन की बचत हो सकती है, जिससे संसाधनों को निवेश और खपत को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि 2023 के अंत तक बकाया कर्ज 14.3 ट्रिलियन युआन था।
चीन की इकोनॉमी की हालत खराब है
चीन की अर्थव्यवस्था तीसरी तिमाही में 4.6% बढ़ी, जो पिछले साल मार्च के बाद से सबसे कमजोर है, जिससे बीजिंग की लगभग 5% के सालाना लक्ष्य को लेकर संदेह पैदा हो गया है। उस मंदी ने पॉलिसीमेकर्स को ब्याज दर में कटौती और स्टॉक और रियल एस्टेट बाजारों के लिए मदद सहित ज्यादा से ज्यादा मददगार पॉलिसी बनाने के लिए प्रेरित किया।