चीन की चालबाजी से भारत को बड़ा झटका, मोबाइल इंडस्ट्री पर मंडराया 32 अरब डॉलर का खतरा
punjabkesari.in Friday, Jul 18, 2025 - 11:43 AM (IST)

बिजनेस डेस्कः भारत-चीन के बीच रिश्ते चाहे जैसे हों लेकिन ड्रैगन अपनी दगाबाजी से बाज नहीं आ रहा है। इस बार चीन ने भारत की मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री को निशाने पर लिया है। इंडस्ट्री संगठन ICEA के अनुसार, चीन ने कुछ अहम उपकरणों और खनिजों का भारत को निर्यात अचानक रोक दिया है, जिससे भारत के 32 अरब डॉलर (करीब ₹2.75 लाख करोड़) के उत्पादन और निर्यात पर संकट खड़ा हो गया है। उद्योग जगत ने तत्काल सरकार से इस मामले में दखल देने की गुहार लगाई है, ताकि आने वाले खतरे को समय से पहले टाला जा सके।
यह भी पढ़ें: विदेश में पैसा भेजने पर ₹1,700 करोड़ गंवा रहे हैं भारतीय परिवार, जानिए क्या है पूरा खेल
बिना लिखित आदेश, कस्टम्स को मौखिक निर्देश
सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि चीन ने कोई आधिकारिक नोटिस या प्रतिबंध जारी नहीं किया है। उसने सिर्फ कस्टम अधिकारियों को मौखिक रूप से निर्देश दिए हैं कि भारत को कुछ खास उपकरण और कच्चा माल न भेजा जाए। इसका असर सीधे तौर पर भारत की PLI स्कीम, मेक इन इंडिया अभियान और ग्लोबल सप्लाई चेन में भारत की भागीदारी पर पड़ सकता है।
तकनीकी विशेषज्ञों पर भी लगाई रोक
चीन ने न केवल सामान रोक दिया है, बल्कि अपने तकनीकी एक्सपर्ट्स को भी भारत की फैक्ट्रियों में सहयोग देने से मना कर दिया है। इससे कई कंपनियों का उत्पादन ठप पड़ने की नौबत आ गई है।
यह भी पढ़ें: Gold rate MCX on 18 july: महंगा हुआ सोना, चांदी 1,12,700 रुपए के पार, चेक करें 10g सोने की कीमत
सबसे बड़ा असर Apple और Foxconn पर
इस पूरे मामले में सबसे ज्यादा असर Apple को झेलना पड़ा है। कंपनी भारत में अपने प्रोडक्शन का बड़ा हिस्सा शिफ्ट कर रही है, जिससे चीन नाराज है। यही वजह है कि Foxconn को चीन के दबाव में आकर अपने 300 इंजीनियर भारत से वापस बुलाने पड़े।
सरकार से लगाई गुहार
ICEA ने प्रधानमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्रालय और उद्योग संवर्धन विभाग (DPIIT) को पत्र लिखकर तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। संगठन का कहना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए, तो भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात और विदेशी बाजार में भरोसा दोनों ही खतरे में पड़ सकते हैं।