संकट में चीन की अर्थव्यवस्था, $1.07 ट्रिलियन का पैकेज हो रहा है नाकाम!

punjabkesari.in Tuesday, Oct 29, 2024 - 04:26 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः चीन ने हाल ही में अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए $1.07 ट्रिलियन के भारी-भरकम पैकेज की घोषणा की थी। इसके बाद चीनी शेयर बाजार में तेजी देखी गई, जिससे कुछ विदेशी निवेशक भारत जैसे देशों से अपना पैसा हटाकर चीन के बाजार में निवेश करने लगे। हालांकि, कई निवेशकों ने इस पैकेज की प्रभावशीलता पर सवाल उठाए थे और उनकी चिंताएं अब सही साबित होती नजर आ रही हैं। 

निराशाजनक आर्थिक संकेत

वर्तमान में इस पैकेज का कोई सार्थक असर दिखाई नहीं दे रहा है। चीन में तीसरी तिमाही में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में गिरावट आई है, जो लगातार छठी तिमाही का आंकड़ा है। यह गिरावट 1999 के बाद की सबसे लंबी अवधि है। विशेषज्ञों का मानना है कि चीन की अर्थव्यवस्था पहले ही मंदी में ढल चुकी है और इससे बाहर निकलने के लिए लंबा समय लग सकता है।

डिफ्लेशन की चुनौतियां

चीन में डिफ्लेशन की स्थिति बनी हुई है। 2008 में देश ने लगातार पांच तिमाहियों तक डिफ्लेशन का सामना किया था लेकिन मौजूदा परिस्थिति उससे भी अधिक गंभीर है। जबकि पूरी दुनिया महंगाई का सामना कर रही है, चीन में इसके विपरीत कीमतें गिर रही हैं। डिफ्लेशन अर्थव्यवस्था के लिए नकारात्मक संकेत है, क्योंकि यह उपभोक्ताओं को खरीदारी करने से रोकता है। 

जटिल समस्याएं

चीन की अर्थव्यवस्था कई मोर्चों पर संघर्ष कर रही है। बेरोजगारी ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई है, मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट आई है और रियल एस्टेट क्षेत्र भी परेशान है। उपभोक्ता मांग कमजोर बनी हुई है और ग्राहक मंदी की भावना के अनुसार व्यवहार कर रहे हैं।

वैश्विक खतरा

अमेरिका और चीन के बीच के संबंध पिछले कुछ वर्षों में और बिगड़ गए हैं, जिसमें दोनों देशों ने एक-दूसरे की कंपनियों के खिलाफ कई कार्रवाई की हैं। अमेरिका ने चीन से आयातित वस्तुओं पर ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया है, जो आगे चलकर और गंभीर परिणाम ला सकता है। चीन में मंदी की संभावनाएं वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरे की घंटी साबित हो सकती हैं, क्योंकि चीन पिछले तीन दशकों से वैश्विक अर्थव्यवस्था का प्रमुख इंजन रहा है। 
 


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Content Writer

jyoti choudhary