चीन ने भारत की EV और बैटरी प्रोत्साहन योजनाओं के खिलाफ WTO में की शिकायत

punjabkesari.in Tuesday, Oct 21, 2025 - 04:42 PM (IST)

बिजनेस डेस्कः चीन ने भारत की उन्नत रसायन सेल (ACC) बैटरी, मोटर वाहन उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) के विनिर्माण को बढ़ावा देने वाली नीतियों को वैश्विक व्यापार नियमों का उल्लंघन बताते हुए विश्व व्यापार संगठन (WTO) में शिकायत दर्ज कराई है।

जिनेवा स्थित WTO के 20 अक्टूबर के पत्र के अनुसार, चीन ने विवाद निपटान तंत्र के तहत भारत के साथ परामर्श की मांग की है। चीन का कहना है कि भारत की ये नीतियां घरेलू उत्पादों को आयातित वस्तुओं पर प्राथमिकता देती हैं, जिससे चीन में बने सामानों के साथ भेदभाव होता है।

चीन ने अपनी शिकायत में तीन प्रमुख कार्यक्रमों का उल्लेख किया है...

  • उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजना
  • उन्नत रसायन सेल बैटरी भंडारण पर राष्ट्रीय कार्यक्रम
  • मोटर वाहन और घटक उद्योग के लिए PLI योजना एवं इलेक्ट्रिक यात्री कार निर्माण नीति

बीजिंग का दावा है कि भारत के ये कदम WTO के SCM (सब्सिडी एवं प्रतिपूरक उपाय), GATT (शुल्क एवं व्यापार पर सामान्य समझौता 1994) और TRIMs (व्यापार-संबंधित निवेश उपाय) समझौतों के अनुरूप नहीं हैं। WTO नियमों के अनुसार, परामर्श विवाद निपटान प्रक्रिया का पहला चरण होता है। यदि दोनों पक्षों के बीच समाधान नहीं निकलता, तो WTO एक विवाद निपटान समिति गठित कर सकता है।

वित्त वर्ष 2024-25 में चीन भारत का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बना रहा। हालांकि, इस दौरान भारत का चीन को निर्यात 14.5% घटकर $14.25 अरब पर आ गया, जबकि आयात 11.5% बढ़कर $113.45 अरब हो गया। परिणामस्वरूप, भारत का चीन के साथ व्यापार घाटा बढ़कर $99.2 अरब हो गया।

विशेषज्ञों का कहना है कि चीन यह कदम ऐसे समय उठा रहा है जब वह भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्यात को बढ़ाना चाहता है और भारतीय बाजार को EV बिक्री के लिए एक बड़ा अवसर मानता है।


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Content Writer

jyoti choudhary

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